लखनऊ: छह अगस्त (ए)
आदित्यनाथ ने मुरादाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अपने संस्कारों के अनुरूप शिक्षा की व्यवस्था को चौपट करने के लिए फिर से ‘पीडीए पाठशाला’ के नाम पर दुष्प्रचार कर रही हैं।’’
सपा पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के लिए ‘पीडीए’ शब्द का इस्तेमाल करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘कल्याण सिंह जी की सरकार ने 1991 और 1997 में व्यवस्था की थी कि ‘ग’ से गणेश पढ़ाया जाएगा। गणेश विघ्नहर्ता हैं। शिक्षा क्षेत्र के विघ्न और बाधाएं दूर हों इसलिए ‘ग’ से गणेश पढ़ाया जाए, मगर उसके बाद समाजवादी पार्टी की दुर्भाग्य से सरकार आई तो उसने कहा कि ‘ग’ से गणपति नहीं, ‘ग’ से तो गधा पढ़ाया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ने तंज करते हुए कहा, ‘‘गधे जैसी बुद्धि वालों ने बच्चों के मन में भी उसी प्रकार का भाव पैदा करने का प्रयास किया और आज ‘पीडीए पाठशाला’ में भी वे यही पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 से कम छात्र-छात्राओं वाले 10 हजार से ज्यादा प्राथमिक और उच्चतर प्राथमिक स्कूलों का पास के ही स्कूलों में विलय करने की कवायद शुरू की है।
सपा समेत सभी विपक्षी दलों ने इसे गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश करार देते हुए इसका विरोध किया है।
समाजवादी पार्टी ने प्रदेश के उन गांवों में ‘पीडीए पाठशालाएं’ खोलकर बच्चों को पढ़ाने का अभियान शुरू किया है जहां राज्य सरकार की विलय की नीति की वजह से स्कूल बंद हुए हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल में इस सिलसिले में कहा था कि पार्टी सदस्य उन गांव में ‘पीडीए पाठशाला’ खोलें जहां स्कूल बंद होने वाले हैं और क्षेत्र के शिक्षित नौजवानों व सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी इस अभियान से जोड़ें।हालांकि, राज्य सरकार ने ‘पीडीए पाठशालाओं’ के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की है। मऊ जिले में अनधिकृत रूप से पीडीए पाठशाला में बच्चों को पढ़ाने और सहारनपुर में बच्चों को ऐसी ही पाठशाला में राजनीतिक ककहरा सिखाने के आरोप में मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।