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स्कूलों में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सीएम योगी ने दिए ये निर्देश

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लखनऊ, 20 अप्रैल (ए)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अधिकारियों को विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के जिलों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूली छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरतने और उनके बीच कोविड प्रोटोकॉल के प्रति जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड प्रबंधन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना होगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को कोविड प्रोटोकॉल के बारे में आवश्यक रूप से जागरूक किया जाना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। एनसीआर के जिलों में भी इसका प्रभाव है। बीते 24 घंटे में गौतमबुद्ध नगर में 103 और गाजियाबाद में 33 नए मरीज सामने आए हैं।” 
प्रवक्ता के अनुसार, “मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एनसीआर के जिलों और लखनऊ में सभी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने के नियम को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए जागरूक भी किया जाए।”
प्रवक्ता के मुताबिक, योगी ने कहा कि हमें बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना होगा और स्कूलों में छात्रों को कोविड प्रोटोकॉल के बारे में जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एनसीआर के जिलों (गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत) और लखनऊ में टीकाकरण से बचे लोगों को चिन्हित कर उन्हें टीका लगाया जाए। 
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल कुल 856 सक्रिय मामले मौजूद हैं। बीते 24 घंटे में 1.13 लाख नमूनों की कोरोना जांच की गई, जिसमें 170 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 110 लोग कोरोना मुक्त भी हुए।
उन्होंने बताया कि कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषप्रद है, लेकिन बच्चों के टीकाकरण को और गति देने की जरूरत है। 
प्रवक्ता के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 18 साल से अधिक उम्र की सौ फीसदी आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि 86.69 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को दोनों खुराक हासिल हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि 15 से 17 साल के आयु वर्ग में 94.26 प्रतिशत किशोरों को पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि 12 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को पहली खुराक के बाद पात्रता के अनुसार दूसरी खुराक दी जाएगी।

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