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हाथरस मामले में नहीं हो सकी सुनवायी

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लखनऊ, 27 जनवरी (ए) हाथरस सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में पीड़िता की मृत्यु के बाद उसका रात में कथित तौर पर अमानवीय अंतिम संस्कार करने को लेकर दायर एक जनहित वाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा सुनवायी पीठ में से एक न्यायाधीश की अनुपस्थिति के कारण नहीं हो सकी।

यह मामला इससे पहले न्यायमूर्ति रंजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एक पीठ द्वारा सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन न्यायमूर्ति रॉय की अनुपस्थिति के कारण, यह सुनवायी नहीं हो सकी।

मामले को बाद की तिथित में सुनवायी के लिए अब संबंधित पीठ के निर्देश के अनुसार सूचीबद्ध किया जाएगा।

इस मामले की पिछली सुनवाई 16 जनवरी को हुई थी जब पीठ ने पीड़िता के शव का रात में दाह संस्कार से संबंधित विभिन्न मीडिया हाउस द्वारा प्रस्तुत विभिन्न वीडियो क्लिपिंग देखी थीं और अन्य पहलुओं पर गौर किया था।

मीडिया हाउस ने हाथरस मामले पर उनकी खबरों से संबंधित वीडियो और अन्य सामग्री अदालत के निर्देश पर प्रस्तुत की थीं।

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था, विशेष रूप से स्थानीय पुलिस द्वारा लड़की के शव का रात में जबरन दाह संस्कार करने के आरोप लगाने वाल खबरों का।

पिछले साल 14 सितंबर को लड़की का उसके गांव के चार पुरुषों द्वारा कथित रूप से बलात्कार किये जाने के बाद 19 वर्षीय लड़की की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। उसका कथित तौर पर उसके गांव में आधी रात को अंतिम संस्कार किया गया था।

लड़की के परिवार के सदस्यों ने दावा किया था कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की की मौत के बाद, हाथरस पुलिस उसका शव ले गई थी और उनकी अनुमति के बिना ही रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।

पुलिस ने परिवार के सदस्यों को लड़की का शव घर तक ले जाने की अनुमति कथित तौर पर नहीं दी थी।

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