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अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन से ढांचे की कार्बन-डेटिंग से जुड़ी याचिका पर जवाब मांगा

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वाराणसी (उप्र), सात अक्टूबर (ए) ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी के जिला जज की अदालत में परिसर में मिले ढांचे (जिसके शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा) की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण को लेकर हिन्दू पक्ष ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि वजूखाना में पाया गया ‘शिवलिंग’ वाद का एक हिस्सा है। अदालत ने 11 अक्टूबर को अगली सुनवाई पर मुस्लिम पक्ष से हिंदू पक्ष के इस स्पष्टीकरण पर जवाब मांगा है।.

जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडेय ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ के कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण के मामले पर हिंदू पक्ष ने आज कुछ बिंदुओं पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि जिला अदालत के समक्ष उन्होंने बताया कि हमने अपने वाद में यह पहले ही कहा है कि ज्ञानवापी परिसर के सभी दृश्य और अदृश्य देवताओं के दर्शन पूजन का अधिकार हिंदुओं को दिया जाय। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के वजुखाने का पानी हटाने के बाद ‘शिवलिंग’ प्रकट हुआ इसलिए यह हमारे वाद का हिस्सा है। जैन ने कहा कि कुछ लोगों ने भ्रम फैला रखा है कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। इस पर हमने अदालत को बताया कि जहां कार्बन डेटिंग नहीं कराई जा सकती वहां वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाय। 

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