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पुलिसिया दादागिरी पर न्यायालय का चला चाबुक,दर्जनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश

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गाजीपुर,30 जनवरी एएनएस । वर्दी के अहंकार से मदमस्त पुलिस की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही से त्रस्त एक व्यक्ति द्वारा दाखिल वाद को संज्ञान में लेते हुए ने मुख्य न्यायायिक दण्डाधिकारी ने एक क्षेत्राधिकारी, तीन थानाध्यक्ष,एक उपनिरीक्षक व अट्ठारह पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश इलाकाई थाना पुलिस को दिया है।
मामला जमानियां विधानसभा के ग्राम ढढ़नी भानमल राय गांव का है। न्यायालय की इस कारर्वाई से पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय क्षेत्राधिकारी जमानियां कुलभूषण ओझा ने जमानियां विधानसभा के ग्राम ढढ़नी भानमल राय गांव के ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह यादव को मोबाइल पर चुनाव को लेकर मनमाफिक कार्य हेतु धमकी दी थी। क्षेत्राधिकारी की उस धमकी से आहत ग्राम प्रधान ने उस धमकी का ऑडियो वायरल कर दिया। आडियो वायरल होते ही पुलिसिया दादागिरी पर हर ओर थू-थू होने लगी थी। वीडियो के वायरल होने से नाराज तत्कालीन क्षेत्राधिकारी जमानियां कुलभूषण ओझा काफी नाराज हुए और उन्होंने ग्राम प्रधान को सबक सिखाने का समय तलाशते रहे।
चुनाव बीतने के उपरांत 13 जून 2019 की
देर रात क्षेत्राधिकारी जमानियां कुलभूषण ओझा
अपने सर्किल के रेवतीपुर, दिलदारनगर तथा नगसर के थानाध्यक्षों सहित 18 कांस्टेबलों के साथ ढढ़नी भानमल राय गांव के ग्राम प्रधान धर्मेंद्र यादव के घर आ धमके। पुलिस टीम बर्बरता का परिचय देते हुए प्रधान के घर का दरवाजा तोड़कर घर में जा घुसी थी। वह पूरी धटना वहां के सीसीटीवी में रिकार्ड हुई थी।
पुलिस की उत्पीड़नात्मक कारर्वाई से क्षुब्ध होकर ग्राम प्रधान धर्मेंद्र यादव ने न्यायालय का रुख किया और धारा 156/3 के अन्तर्गत मुकदमा दाखिल किया।
सुनवाई के बाद शुक्रवार 29 जनवरी 2021 को न्यायालय मुख्य दण्डाधिकारी ने उस कारर्वाई में शामिल तत्कालीन क्षेत्राधिकारी कुलभूषण ओझा, तीन थानाध्यक्षों समेत 18 कांस्टेबलों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश सुहवल पुलिस को दिया है।

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