‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ से प्राप्त तस्वीरों से पता चलता है कि भूरे रंग का पर्वत अब धूसर हो गया है। साथ ही इसकी आकृति पिछली तस्वीरों की तुलना में थोड़ी भिन्न दिखाई देती है, जिससे संकेत मिलता है कि विस्फोट के कारण इस स्थल के आसपास मलबा फैल गया है।
तस्वीरों से यह भी संकेत मिलता है कि परमाणु केन्द्र पर विशेष अमेरिकी बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया है। हवा में हल्के भूरे रंग का धुआं भी छाया हुआ है।
ईरान ने अभी तक इस केन्द्र को पहुंचे नुकसान की जानकारी नहीं दी है। अन्य उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि ईरान ने हमले से पहले फोर्दो में सुरंग के प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया था।
इस बीच, वाशिंगटन में ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ के अध्यक्ष एयरफोर्स जनरल डैन केन ने पेंटागन में प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘अंतिम युद्ध क्षति (के आकलन) में कुछ समय लगेगा, लेकिन प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि तीनों ठिकानों को अत्यधिक गंभीर क्षति पहुंची है और तबाही झेलनी पड़ी है।’’
केन ने कहा कि अभियन का लक्ष्य – फोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान में परमाणु स्थलों को नष्ट करना – हासिल कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि रविवार को फोर्दो और दूसरे लक्ष्य पर हमले में 14 बमों का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” नाम दिया गया था।
इसी प्रेस वार्ता में मौजूद अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इससे पहले कहा,‘‘यह मिशन सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था और न ही है।’’