नयी दिल्ली: 25 अगस्त (ए)
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने मांगी गई जानकारी में किसी भी प्रकार के ‘‘निहित जनहित’’ से इनकार किया। न्यायाधीश ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून सरकार के कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था, ‘‘सनसनी फैलाने के लिए सामग्री मुहैया कराने के लिए नहीं।’’नीरज नामक व्यक्ति द्वारा सूचना का अधिकारी (आरटीआई) आवेदन के बाद, सीआईसी ने 1978 में बीए (कला स्नातक) की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के अभिलेखों के निरीक्षण की 21 दिसंबर, 2016 को अनुमति दे दी। वर्ष 1978 में ही प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी।