नयी दिल्ली: दो सितंबर (ए
अधिकारी ने बताया कि इस मामले से जुड़े कथित सरगना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो लगभग दो दशकों से ऐसी कई फैक्टीरियां संचालित कर रहे थे।उन्होंने बताया कि उत्तरी दिल्ली के सराय रोहिल्ला इलाके में 11 और 12 अगस्त की मध्य रात्रि गोलीबारी की घटना की सूचना मिलने के बाद जांच शुरू हुई।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने को लेकर हुए झगड़े में एक नाबालिग ने शुभम उर्फ लाला नाम के एक व्यक्ति पर गोली चला दी।’’
हमले में इस्तेमाल की गई पिस्तौल उसके एक पड़ोसी ने छीन ली, जबकि नाबालिग भागने में कामयाब रहा। अगले दिन उसे पकड़ लिया गया और उसके पास से एक देसी पिस्तौल तथा एक कारतूस बरामद किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, नाबालिग ने खुलासा किया कि उसने दो महीने पहले अलीगढ़ निवासी बंटी से हथियार खरीदा था। इस सुराग पर कार्रवाई करते हुए, अवैध हथियार गिरोह की तस्करी प्रणाली का पता लगाने के लिए एक टीम का गठन किया गया।’’
आरोपियों को पकड़ने के लिए गठित की गई एक टीम ने सबसे पहले 27 अगस्त को अलीगढ़ के गंगा गढ़ी गांव से बंटी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके पास से कारतूस के पांच खाली खोखे और एक कारतूस बरामद किया गया।
अधिकारी के अनुसार, पूछताछ में बंटी ने कथित तौर पर खुलासा किया कि उसने मथुरा निवासी बिजेंद्र सिंह (61) से ये हथियार मंगवाए थे। इसके बाद पुलिस टीम मथुरा पहुंचीं, जहां से 30 अगस्त को बिजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि उसके मोबाइल फोन में 70 से ज़्यादा अवैध हथियारों का एक वीडियो मिला है।
इसके बाद सिंह ने खुलासा किया कि हनवीर नाम के एक आदमी की अलीगढ़ में हथियारों की फैक्टरी है। तकनीकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने एक सितंबर को अलीगढ़ के जट्टारी पिशावा रोड पर एक जगह पर छापा मारा, जहां एक खेत में दो बंद कमरे थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कमरों के ताले तोड़ने पर टीम को बड़े पैमाने पर हथियार बनाने वाली एक फैक्टरी मिली। वहां से छह देसी पिस्तौल, पूरी तरह से निर्मित नहीं हुई 12 पिस्तौल, छह कारतूस, 250 से अधिक आग्नेयास्त्रों के लिए कच्चा माल, बैरल, बैरल पाइप और ड्रिल व ब्लो मशीन, ग्राइंडर तथा कटर सहित भारी मशीनरी बरामद की गई।’’
फैक्टरी मालिक की पहचान अलीगढ़ के जलालपुर गांव निवासी हनवीर उर्फ हन्नू (60) के रूप में हुई है, जिसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।