नयी दिल्ली: 28 सितंबर (ए)
बच्चे को उत्तर प्रदेश के महोबा से मुक्त कराया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों में फूलन श्रीवास नामक 54-वर्षीय व्यक्ति भी शामिल है, जो दो बेटियों का पिता है। श्रीवास ने आरोपियों को पैसे देकर बच्चे को खरीद लिया, क्योंकि उसके पास कोई लड़का नहीं है।
यह घटना 24 सितंबर को तब सामने आई जब शिकायतकर्ता (राजस्थान के हस्तशिल्प विक्रेता) मुकेश ने बताया कि उनका बेटा उस समय लापता हो गया जब परिवार एक मेले में भाग लेने के बाद गंगा राम अस्पताल की लाल बत्ती के पास पूसा रोड के फुटपाथ पर सो रहा था।
उनकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया और एक विशेष टीम का गठन किया गया।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) निधिन वलसन ने कहा, ‘‘जांचकर्ताओं ने 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया और राजेंद्र नगर, प्रसाद नगर, कनॉट प्लेस, मंदिर मार्ग और पहाड़गंज जैसे इलाकों में एक छिपी हुई नंबर प्लेट वाले स्कूटर पर संदिग्ध रूप से घूमते दो लोगों को चिह्नित किया।’’
पुलिस ने बताया कि बाद में संदिग्धों को आरएमएल अस्पताल के पास एक सफेद कार में एक बच्चे को ले जाते देखा गया। कार नयी दिल्ली के काली बाड़ी लेन में मिली, जहां से अनंत (22), राजू उर्फ ऋषि (24) और साहिल कुमार (21) नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 17-वर्षीय एक किशोर को भी पकड़ा गया।
वलसन ने कहा, ‘‘पूछताछ करने पर उन्होंने खुलासा किया कि बच्चे को महोबा में फूलन श्रीवास उर्फ संतोष नाम के व्यक्ति को बेच दिया गया था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।’’
अपहृत लड़के को महोबा से सकुशल मुक्त करा लिया गया, जिससे परिवार को बड़ी राहत मिली। पुलिस ने एक स्कूटर, अपराध में प्रयुक्त कार और 5,500 रुपये नकद भी बरामद किए।
जांच में पता चला कि श्रीवास ने एक लड़का उपलब्ध कराने पर दिल्ली के आरोपियों को एक लाख रुपये तक की पेशकश की थी। इसके बाद आरोपियों ने बच्चे के अपहरण की योजना बनाई।
उन्होंने करोल बाग से लड़के का अपहरण किया और उसे श्रीवास को 45,000 रुपये में बेच दिया। पुलिस ने बताया कि आगे की जांच जारी है।