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एनआईए की कार्रवाई के दौरान बाथरूम में छिपा मिला मंगल सिंह, कबाड़ में मिले मोबाइल,जाने पूरा मामला

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मेरठ, 12 जुलाई (ए)।पंजाब के मोगा में हथियार तस्करी, नारकोटिक्स और देश विरोधी गतिविधियों को लेकर दर्ज एक मुकदमा के मामले में एनआईए की छापामारी के दौरान यूपी के
मेरठ में मंगल सिंह बाथरूम में छिप गया। सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद उसे हिरासत में लिया। आरोपी ने एनआईए से बचने के लिए अपने दोनों मोबाइल फोन को कबाड़ में दबा दिया। बाद में इन्हें भी बरामद किया गया। सूत्रों की मानें तो मोबाइल से कुछ डाटा डिलीट किया गया है, जिसे रिकवर कराने का प्रयास किया जा रहा है।  
एनआईए ने कुछ दिन पूर्व पंजाब के मोगा में हथियार तस्करी, नारकोटिक्स और देश विरोधी गतिविधियों को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में तीन आतंकियों अर्शदीप सिंह, चरणजीत सिंह और रकम दीप सिंह को आरोपी बनाया गया है। तीनों आरोपी पूर्व में पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गए थे और इनकी वर्तमान लोकेशन विदेश में बताई गई है। इनपुट मिला था कि खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन केएलएफ और केटीएफ के साथ मिलकर ये आतंकी वेस्ट यूपी में भी अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं। आंदोलन को जारी रखने के लिए वेस्ट यूपी से हथियार सप्लाई किए जा रहे हैं। वेस्ट यूपी के कुछ अपराधियों को गिरोह में साथ मिलाया गया है और पैसा दिया जा रहा है। इसी इनपुट पर काम करते हुए पुलिस ने हाल ही में बहसूमा, रामराज और कुछ अन्य जगहों पर दबिश दी। रामराज इलाके से गगनदीप के घर पर कार्रवाई की गई, जहां से पता चला कि वह मेरठ जेल में है। यहां से बी वारंट पर आरोपी को पंजाब ले जाया गया और वहां दूसरे मामलों में आरोपी बनाकर कोर्ट के सामने पेश किया गया।
गगनदीप के इनपुट के बाद ही सरदार मंगल सिंह के आवास और किठौर के कायस्थ बड्ढा में दबिश दी गई। दबिश की भनक लगते ही मंगल सिंह ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। काफी प्रयास के बाद भी जब मंगल सिंह बाहर नहीं आया तो उसे जबरन निकाला गया। इसके बाद मोबाइल को बरामद करने के लिए पूछताछ की गई। एनआईए के पास जो इनपुट है, उसके अनुसार खालिस्तानी आतंकियों से संपर्क कराने में मंगल सिंह की भूमिका रही है। मोबाइल फोन बाद में कबाड़ से बरामद किए गए। इन मोबाइल फोन का कुछ डाटा डिलीट मिला है। इसे लेकर पूछताछ भी की गई है। साथ ही इनका डाटा रिकवर कराने का प्रयास किया जा रहा है। 

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