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ईडी ने बालाजी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, अदालत ने 25 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा

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चेन्नई, 12 अगस्त (ए) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ उनके और उनके सहयोगियों को लेकर जारी धन शोधन जांच के तहत करीब 3,000 पन्नों का आरोप पत्र शनिवार को दायर किया। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।.

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता बालाजी (47) को प्रधान सत्र न्यायाधीश एस अल्ली के समक्ष पेश किया गया। न्यायाधीश ने बालाजी को 25 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ईडी ने मंत्री को गत 14 जून को गिरफ्तार किया था। वह चेन्नई स्थित केंद्रीय पुझल जेल में बंद रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने बालाजी को आरोपी बनाते हुए लगभग 3,000 पन्नों की अभियोजन शिकायत दायर की, जिसमें 2,000 से अधिक पृष्ठों के संलग्नक और 168-170 पृष्ठों के मुख्य दस्तावेज शामिल हैं।

तारीख से ईडी आरोपी की हिरासत ले सकती है। उन्होंने यह इंगित किया कि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है, उसी खंडपीठ ने 25 जुलाई को एचसीपी पर सुनवाई बंद कर दी थी।

उच्चतम न्यायालय ने बालाजी और उनकी पत्नी द्वारा दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने वाले मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी द्वारा पारित हिरासत आदेश को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की आड़ में चुनौती नहीं दी जा सकती।

एजेंसी ने पहले दावा किया था कि बालाजी ने रिश्वत के लिए अपने पद का ‘दुरुपयोग’ किया और 2014-15 के दौरान राज्य परिवहन उपक्रमों में नौकरी घोटाले का ‘‘षड्यंत्र रचा’’, जिसमें उनके सहयोगियों के माध्यम से उम्मीदवारों द्वारा कथित रिश्वत का भुगतान किया गया।

एजेंसी ने दावा किया कि बालाजी के सहयोगियों में उनके भाई आर वी अशोक कुमार और उनके निजी सहायक बी शनमुगम और एम कार्तिकेयन शामिल थे।

ईडी ने इन आरोपों की जांच के लिए सितंबर 2021 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था और उसकी शिकायत 2018 में और बाद में तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज की गई तीन प्राथमिकी और बाद में उन व्यक्तियों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर आधारित थी, जिन्हें वादे के मुताबिक नौकरी नहीं दी गई।

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