गोंडा (उप्र): 25 अगस्त (ए)
कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) विवेक त्रिवेदी ने बताया कि आरोपियों में बीएसए के अलावा तत्कालीन वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, लिपिक सुधीर सिंह, अनुपम पांडेय, अनामिका शुक्ला, भैया चंद्रभान दत्त मेमोरियल स्कूल के प्रबंधक दिग्विजयनाथ पांडेय, स्कूल के प्रधानाचार्य, और एक अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं।इस मामले में वादी प्रदीप कुमार पांडेय ने अदालत में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया, ‘‘बेसिक शिक्षा विभाग में एक संगठित गिरोह काम रहा है, जो नौकरी चाहने वालों की शैक्षिक डिग्रियों का दुरुपयोग कर फर्जी नियुक्तियां करता है।’’
उन्होंने दावा किया कि इस घोटाले में करोड़ों रुपये का गबन हुआ है।
याचिका के अनुसार, ‘‘अनामिका शुक्ला को वर्ष 2017 से नियमित वेतन मिल रहा था, लेकिन वर्ष 2020 में उसने दावा किया कि वह बेरोजगार हैं। जांच में यह सामने आया कि उन्हें कभी औपचारिक रूप से नियुक्त ही नहीं किया गया था, फिर भी उनके नाम पर वेतन भुगतान होता रहा।’’
इससे पूर्व, अनामिका शुक्ला ने कोतवाली नगर पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने अपने दस्तावेजों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह बेरोजगार हैं और उनकी कहीं नियुक्ति नहीं हुई है।
पुलिस ने बताया कि अदालत के निर्देश पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच उप-निरीक्षक शुभम दुबे को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।