इंदौर (मप्र): 15 मई (ए)।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले का मीडिया की खबरों के आधार पर बुधवार को ही खुद संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को काबीना मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।पुलिस अधिकारी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह के खिलाफ मानपुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) हितिका वासल ने यह प्राथमिकी दर्ज होने की ‘ पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का कृत्य), धारा 196 (1) (बी) (अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला ऐसा कृत्य जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती हो या भंग होने की आशंका हो) और धारा 197 (1) (सी) (किसी समुदाय के सदस्य को लेकर ऐसी बात कहना जिससे अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर विपरीत असर पड़ता हो या उनके बीच शत्रुता या घृणा या दुर्भावना की भावना पनपती हो या पनपने की आशंका हो) के तहत दर्ज की गई है।
शाह ने इंदौर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद बयान दिया था।
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा था, ‘‘जिन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, हमने उन्हीं कटे-पिटे लोगों की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी कराई।’’
कांग्रेस का आरोप है कि शाह ने यह ‘‘अशोभनीय’’ और ‘‘नफरत भरा’’ बयान भारतीय सेना की कर्नल कुरैशी के खिलाफ दिया और इस कथन के जरिये राज्य के काबीना मंत्री ने सेना की महिला अधिकारी को ‘‘आतंकवादियों की बहन’’ के रूप में पेश करने की कोशिश की।
इस बयान को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न होने के बाद शाह ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को उनकी बातों से ठेस पहुंची है, तो वह 10 बार माफी मांगने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपनी बहन से ज्यादा कर्नल कुरैशी का सम्मान करते हैं।कर्नल कुरैशी ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विवरण नियमित पत्रकार वार्ताओं में साझा किया था। इन पत्रकार वार्ताओं में विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी शामिल होते थे।