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सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी से आठ करोड़ रुपये की उगाही करने के प्रयास में पांच व्यक्ति गिरफ्तार

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अहमदाबाद, 13 फरवरी (ए) गुजरात के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने एक महिला से बलात्कार का दावा करने वाला झूठा हलफनामा तैयार करने और उसे प्रसारित करके भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी से आठ करोड़ रुपये वसूलने की साजिश रचने के आरोप में पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। एटीएस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।.

अधिकारी ने कहा कि मामले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता जी के प्रजापति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रकोष्ठ की कार्यकारी समिति का सदस्य निकला। पार्टी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल ने ‘‘कदाचार’’ के आरोप में उसे प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।.

एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा कि महिला के उस हलफनामे के बाद एटीएस कार्रवाई में जुट गई, जिसमें दावा किया गया था कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ने शहर के चांदखेड़ा इलाके में अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार किया था।

33 वर्षीय विवाहित महिला द्वारा हस्ताक्षरित हलफनामे के अनुसार, पूर्व पुलिस अधिकारी ने उसके भाई के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में मदद करने की आड़ में उसके साथ दो बार बलात्कार किया था।

एटीएस अधिकारी ने बताया कि हलफनामे पर हस्ताक्षर करने वाली महिला ने इस साल जनवरी में गांधीनगर के पेठापुर थाने में इस्माइल मालेक नाम के व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था।

जोशी ने कहा, ‘‘कुछ समय पहले, मालेक कथित तौर पर महिला को चांदखेड़ा में रहने वाले एक व्यक्ति के पास ले गया और उससे कहा कि वह पुलिस का एक वरिष्ठ अधिकारी है और वह उसके भाई को जेल से बाहर निकाल सकता है। हमारी पूछताछ के दौरान, महिला ने हमें बताया कि उस व्यक्ति ने उसकी मदद का वादा करके उसके साथ दो बार बलात्कार किया। हालांकि, जैसा कि प्रजापति ने निर्देश दिया था, उसने मालेक के खिलाफ अपनी शिकायत में इस प्रकरण का उल्लेख नहीं किया, जो अब सलाखों के पीछे है।’’

उन्होंने कहा कि प्रजापति ने जादव और परमार के साथ मिलकर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी से पैसे वसूलने की साजिश रची और महिला को उस हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी किया, जिसमें उन्होंने महिला की जानकारी के बिना पूर्व पुलिस अधिकारी का नाम लिखा था।

जोशी ने कहा कि हलफनामा तैयार करने के बाद, जिसमें महिला ने दावा किया कि उसके साथ पूर्व पुलिस अधिकारी ने अपने आवास पर बलात्कार किया था, तीनों ने पहले कुछ बिचौलियों के माध्यम से और अन्य अधिकारियों के माध्यम से उन्हें ब्लैकमेल करने और 8 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की।

एटीएस अधिकारी ने कहा कि जब वे उन पर कोई दबाव बनाने में विफल रहे, तो तीनों ने पांड्या और जानी से संपर्क किया ताकि हलफनामा प्रकाशित कराया जा सके। उन्होंने बताया कि पांड्या और जानी ने गांधीनगर में पत्रकारों के रूप में काम करने का दावा किया।

उन्होंने कहा कि सभी पांचों आरोपियों को आगे की जांच के लिए गांधीनगर की सेक्टर-7 की पुलिस को सौंप दिया गया है।

अधिकारी ने कहा कि उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 389 और 120 बी के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।

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