नयी दिल्ली: 30 मई (ए)।
विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कहा, ‘‘दोषी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 506 (2) के तहत 6 महीने कारावास की सजा सुनाई जाती है और जुर्माना भी लगाया जाता है।’’
स्पीड पोस्ट’ के माध्यम से एक पार्सल 16 सितंबर 2022 को संसद भवन में प्राप्त हुआ था। पार्सल में विस्फोटकों से संबंधित कुछ संदिग्ध पदार्थ, एक राष्ट्र ध्वज और संविधान की एक प्रति थी।
न्यायाधीश ने कहा कि बालाघाट के लांजी से पूर्व विधायक समरीते द्वारा संसद भवन को बम विस्फोट में उड़ाने की धमकी ने संपत्ति को आग से नष्ट करने का खतरा पैदा किया, जिस कारण उन्हें आईपीसी की धारा 506(2) के तहत दोषी करार दिया जाता है।
हालांकि, न्यायाधीश ने यह उल्लेख करते हुए कि उक्त संदिग्ध पदार्थ, अधिनियम के तहत ‘‘विस्फोटक’’ (पदार्थ) नहीं है, समरीते को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोप मुक्त कर दिया।
अदालत में समरीते का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता मनीष कुमार चौधरी ने किया।
दिसंबर 2022 में अदालत ने आरोपी को यह कहते हुए जमानत दी थी कि संसद भवन को उड़ाने की धमकी का परिणाम किसी तरह के विस्फोट या जान-माल को नुकसान पहुंचने के रूप में नहीं हुआ।
पार्सल में समरीते की 10 पन्नों की हस्ताक्षरित शिकायत भी थी, जिससे पता चला कि वह सरकार की नीतियों से असंतुष्ट थे और उन्होंने 70 अलग-अलग मांगें की थीं तथा धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वह 30 सितंबर 2022 को संसद भवन को विस्फोट में उड़ा देंगे।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी ने 19 सितंबर 2022 को उच्चतम न्यायालय को भी ऐसा ही पार्सल भेजा था और उस संबंध में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है।