गृह मंत्रालय ने ‘नये और जटिल खतरों’ के मद्देनजर राज्यों से ‘मॉक ड्रिल’ करने को कहा

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नयी दिल्ली: पांच मई (ए) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे ‘नये और जटिल खतरों’ के मद्देनजर सभी राज्यों से सात मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है।

सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को ‘किसी भी हमले’ की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों को सचेत करने के लिए सायरन की प्रभावशीलता का परीक्षण करना और नागरिकों एवं छात्रों को बुनियादी आत्मसुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना शामिल है। इसके अलावा युद्ध के संभावित खतरे के दौरान अंधेरा कर देने की आपात प्रक्रिया (क्रैश ब्लैकआउट) का अभ्यास और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को छिपाकर बुनियादी ढांचे की रक्षा करना शामिल होगी। इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति में लोगों की सुरक्षित निकासी की योजनाओं को अद्यतन किया जाएगा और उनका पूर्वाभ्यास भी कराया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना और राज्य तथा स्थानीय प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करना है। यह मॉक ड्रिल विभिन्न स्तरों पर नागरिक सुरक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता को जांचने का एक समन्वित प्रयास है।गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे इस अभ्यास की पूरी योजना पहले से तैयार करें और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर उसका सफल आयोजन सुनिश्चित करें। यह पहल देश की समग्र सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है और भविष्य की किसी भी आपात स्थिति से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम