नयी दिल्ली: 28 जुलाई (ए) लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने सोमवार को केंद्र पर तीखा प्रहार किया और कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकवादी अब तक गिरफ्त से बाहर क्यों हैं और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कितने विमान गिरे थे।
संसद के निचले सदन में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को लेनी चाहिए।उन्होंने सरकार से सवाल किया, ‘‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को अब वापस नहीं लेंगे तो कब लेंगे?
कांग्रेस नेता ने सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए दावा किया कि सिंह ने कई सच्चाई सामने नहीं रखी।
गोगोई ने कहा, ‘‘हाल में जो युद्ध हुआ वह सूचना का युद्ध था। हम दुनिया को सच्चाई की सूचना देना चाहते थे। लेकिन कुछ ताकतें झूठ फैला रही थीं। इस चर्चा का मकसद है कि सच्चाई सदन में आनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह जी ने बहुत सी सूचनाएं दी, लेकिन रक्षा मंत्री होने के नाते यह नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आ गए? आतंकवादियों ने कैसे वहां पहुंचकर लोगों की हत्या की?’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष का कर्तव्य है कि हम देशहित में सवाल पूछें। देश यह जानना चाहता है कि पांच आतंकवादी कैसे घुसे? उन आतंकवादियों का मकसद जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को तबाह करना और देश में सांप्रदायिक माहौल बनाना था।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘100 दिन बीत गए, लेकिन पांच आतंकियों को पकड़ा नहीं जा सका। ऐसा क्यों हैं? यह देश जानना चाहता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर आइए और लोग आए, लेकिन जब लोग आतंकवादियों की गोलीबारी में घायल हुए तो एक घंटे एंबुलेंस पहुंचने में लग गए।’’
गोगोई ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) ने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली है। लेकिन यह जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री को लेनी चाहिए।’’
उन्होंने दावा किया कि यह सरकार इतनी ‘‘कमजोर और बुजदिल’’ है कि पहलगाम हमले के बाद टूर ऑपरेटर पर दोष मढ़ दिया कि उनकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए।
गोगोई ने आरोप लगाया, ‘‘इस सरकार में अहंकार आ गया है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, (हमले के बाद) आप सऊदी अरब से लौटकर आए तो आपको पहलगाम जाना चाहिए था, लेकिन आपने बिहार जाकर चुनावी भाषण दिया। अगर कोई पहलगाम गया तो वह हमारे नेता राहुल गांधी थे।’’
इस पर सदन में सत्तापक्ष की तरफ से टोका-टोकी शुरू हो गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गोगोई से कहा कि वह सदन में तथ्यात्मक बातें रखें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उरी हमले के बाद सरकार की तरफ से जो बातें की गई थीं, वही बातें अब की गईं हैं।
गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार कह रही है कि हमारा मकसद युद्ध का नहीं था। हम पूछ रहे हैं कि क्यों नहीं था? होना चाहिए था। सरकार कह रही है कि हमारा मकसद पीओके लेना नहीं था। हम पूछ रहे हैं कि क्यों नहीं था? होना चाहिए था। पीओके अगर आज नहीं लेंगे, तो कब लेंगे?’’
उन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमारे पास 35 राफेल विमान हैं, अगर इनमें से कुछ गिरे तो मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ा नुकसान है।’’
गोगोई ने कहा कि जो सरकार ‘‘चीन को लाल आंखें दिखाने’’ की बात करती है, उस चीन का नाम तक रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में नहीं लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब पूरा देश और विपक्ष प्रधानमंत्री के साथ खड़ा था तो अचानक ‘युद्धविराम’ क्यों हुआ? अगर पाकिस्तान घुटनों पर था तो आप क्यों झुके? आप किसके सामने झुके?’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 बार कहा है कि उन्होंने व्यापार की बात करके युद्ध रुकवाया।
उन्होंने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह बताएं कि कितने विमान गिरे। यह सच्चाई सिर्फ देश की जनता को नहीं, बल्कि जवानों को भी बताया जाना चाहिए।’’
गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार सच्चाई से डरे नहीं। देश और विपक्ष पहले भी साथ खड़ा था और आज भी खड़ा है। हम सरकार के दुश्मन नहीं हैं। हम अपने देश के जवानों के पक्ष में खड़े हैं। आप हमें सच्चाई बताइए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपेक्षा थी कि गृह मंत्री नैतिन जिम्मेदारी लेंगे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जिम्मेदारी लेंगे और प्रधानमंत्री यह बताएंगे कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को सच्चाई सामने रखनी चाहिए।