गज़ब:पिज्जा पार्टी में जब आफिस रिसेप्शनिस्ट को नहीं बुलाया, तो बॉस को मुआवजे में देने पड़े करीब 24 लाख रुपये

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लंदन, 12 मई (ए)। पिज्जा-बर्गर किसको पसंद नहीं होता? घर हो या दफ्तर, पार्टी के लिए कुछ लोग जुटें तो फट से पिज्जा ऑर्डर करना चलन सा हो गया है। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जहां दफ्तर में काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट को पिज्जा पार्टी में शामिल न करने पर बॉस को 23 लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा चुकाना पड़ा। 
मामला ब्रिटेन का है। यहां एक कार डीलरशीप के साथ काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट को 23 हजार पाउंड यानी करीब 24 लाख रुपये की राशि मुआवजे में मिली। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि रिसेप्शनिस्ट को दफ्तर में होने वाली पिज्जा पार्टी में शामिल नहीं किया गया।
‘मिरर यूके’ की खबर के मुताबिक, ट्राइब्यूनल ने सुनवाई के दौरान यह माना कि रिसेप्शनिस्ट मालगोरजाटा लेविका को उसके बॉसों ने जानबूझकर पार्टी में शामिल नहीं किया था। ट्राइब्यूनल के मुताबिक, लेविका के बॉस उसे स्टाफ लंच में शामिल नहीं करना चाहते थे।
कार डीलरशिप कंपनी ‘हार्टवेल’ के मालिक हर महीने अपने कर्मचारियों को एक इनफॉर्मल लंच के तौर पर कुछ भी ऑर्डर करने को कहते थे। वे पिज्जा, मछली और चिप्स वगैरह ऑर्डर करते थे। 
लेविका ने अपने दावे में कहा है कि उसे जानबूझकर इस लंच से बाहर रखा गया क्योंकि उसने स्टाफ के एक सदस्य पर लैंगिक भेदभाव करने का आरोप लगाया था। लेविका ने बताया कि इस शिकायत के बाद ही कंपनी की ओर से हर महीने के आखिरी शुक्रवार को होने वाले लंच से बाहर रखा गया। लेविका ने अपने वेतन, काम के घंटों और अपने बॉस मार्क बेन्सन की ओर से कथित लैंगिक भेदभाव के बारे में ट्राइब्यूनल में मार्च 2018 में शिकायत की थी। 
लेविका ने बताया कि सभी कर्मचारियों से पूछा जाता था लेकिन उससे यह तक नहीं पूछा जाता था कि वह खाना ऑर्डर करना चाहती है या नहीं या फिर वह लंच में शामिल होना चाहती है या नहीं।
हालांकि, हार्टवेल ने इसपर अपनी दलील में कहा कि लेविका को इसलिए खाने के लिए नहीं पूछा जाता था क्योंकि वह पार्ट टाइम कर्मचारी थी और उसकी ड्यूटी दोपहर 1 बजे ही खत्म हो जाती थी। ट्राइब्यूनल ने इस दलील को खारिज कर दिया।

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