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भारत ने युद्ध को पहला नहीं बल्कि अंतिम विकल्प माना है, हम शांति में विश्वास करते हैं: मोदी

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करगिल, 24 अक्टूबर (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत ने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है, लेकिन सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत और रणनीति है।.

मोदी ने दिवाली पर यहां सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए 1999 में करगिल संघर्ष के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा को भी याद किया, जब भारतीय सेना ने ‘‘आतंक के फन को कुचला था।’’.

पीएम मोदी ने कहा, ”राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ बहुत महत्वपूर्ण है और विदेशी हथियारों तथा प्रणाली पर हमारी निर्भरता न्यूनतम होनी चाहिए।” प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि सशस्त्र बलों में महिलाओं को शामिल करने से देश की ताकत बढ़ेगी। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जारी है और भ्रष्टाचारी कितना भी ताकतवर हो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर बढ़ी है, यह और तेजी से बढ़ रही है और ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि यह बाहर और अंदर के दुश्मनों से सफलतापूर्वक निपट रहा है। उन्होंने कहा, ”एक राष्ट्र तब सुरक्षित होता है जब सीमाएं सुरक्षित हों, अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज विश्वास से भरा हो।” लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारत कामना करता है कि प्रकाश का यह त्योहार दुनिया के लिए शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।

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