पटना: 16 अक्टूबर (ए)
पार्टी ने चार मुस्लिम प्रत्याशी भी उतारे हैं।जद (यू) ने बुधवार को 44 उम्मीदवारों की दूसरी और अंतिम सूची जारी की। उसने एक दिन पहले 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। वह राजग के घटक के रूप में 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है
जद (यू) ने अपने प्रत्याशियों का जातिगत वर्गीकरण भी सार्वजनिक किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी का मुख्य ध्यान पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग ही बना हुआ है। कुल 101 उम्मीदवारों में 37 ओबीसी और 22 ईबीसी वर्ग से हैं। इसके अलावा 22 उम्मीदवार सवर्ण समुदाय से हैं, जबकि चार मुस्लिम प्रत्याशियों को सूची में भी जगह दी गई है।
पार्टी को लेकर ऐसी धारणा बन रही थी कि भाजपा के साथ लंबे गठबंधन और वक्फ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर स्वतंत्र रुख न ले पाने के कारण जद(यू) अब अल्पसंख्यक मतदाताओं से दूरी बना रही है।
जद(यू) ने अपनी दूसरी सूची में चार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर अपनी “संतुलित राजनीति” का संदेश देने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी ने अररिया से शगुफ्ता अजीम, जोकीहाट से मंजर आलम, अमौर से सबा जफर और चैनपुर से जमा खान को उम्मीदवार बनाया है। खान 2020 विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से बिहार में इकलौते विधायक बने थे और बाद में उन्होंने जद(यू) का दामन थाम लिया। वर्तमान में पह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं।
नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के उन लगभग सभी मंत्रियों को फिर से विधानसभा चुनाव में मौका दिया गया है, जो विधानसभा सदस्य हैं। इनमें विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, जमा खान, शीला मंडल और लेशी सिंह प्रमुख हैं। इनके अलावा सुमित कुमार सिंह को भी टिकट दिया गया है, जिन्होंने 2020 में चकाई सीट से निर्दलीय के रूप में जीत दर्ज की थी और बाद में मुख्यमंत्री के पुराने पारिवारिक संबंधों के चलते मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे।
हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़कर जद(यू) में शामिल हुई विभा देवी को नवादा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वे 2020 में इसी सीट से राजद उम्मीदवार के रूप में जीती थीं। वहीं, शिवहर के मौजूदा विधायक चेतन आनंद को इस बार नवीनगर से मैदान में उतारा गया है।
शिवहर सीट अब श्वेता गुप्ता को दी गई है, जो सीतामढ़ी की निवासी और पेशे से चिकित्सक हैं तथा पहले भाजपा से जुड़ी रही हैं। माना जा रहा है कि यह निर्णय क्षेत्रीय सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर लिया गया है, क्योंकि औरंगाबाद जिला (जिसमें नवीनगर आता है) परंपरागत रूप से राजपूत बहुल ‘बिहार का चित्तौड़गढ़’ कहा जाता है, जबकि शिवहर में वैश्य समुदाय की संख्या काफी है।
कभी जद(यू) से बागी होकर राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले बाहुबली नेता अनंत सिंह को भी फिर से मोकामा से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह, राजद से आए पूर्व सांसद बुलो मंडल को भी मौका दिया गया है।
पूर्व सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी, महाबली सिंह और चंद्रेश्वर चंद्रवंशी को भी विधानसभा चुनाव में टिकट देकर पार्टी ने उन्हें पुनर्वास का अवसर प्रदान किया है।
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से विधानमंडलों और संसद में महिलाओं को आरक्षण देने के समर्थक रहे हैं, लेकिन जद(यू) ने इस बार केवल 13 महिलाओं को टिकट दिया है, जो कुल उम्मीदवारों का 15 प्रतिशत से भी कम है।
बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान छह नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।