नयी दिल्ली/लखनऊ: 25 जून (ए
रॉकेट के आसमान में प्रवेश करते ही भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए।
शुक्ला (39) के पास विभिन्न प्रकार के लड़ाकू जेट विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।
लखनऊ में जन्मे शुक्ला इसरो-नासा समर्थित एक्सिओम स्पेस के वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान का हिस्सा हैं, जो फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए 14 दिन की यात्रा पर रवाना हुआ है।
लाखों लोग अंतरिक्ष में उड़ने का सपना देखते हैं और शुक्ला जैसे कुछ लोग इसे साकार कर पाते हैं।
उनकी बड़ी बहन शुचि शुक्ला को याद है कि यह सब कब शुरू हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘बचपन में वह एक बार एयर शो देखने गया था। बाद में उसने मुझे बताया कि वह विमान की गति और ध्वनि से कितना मोहित हो गया था। फिर उसने उड़ने के अपने सपने के बारे में बताया, लेकिन निश्चित रूप से उस समय कोई नहीं बता सकता था कि वह अपने सपने को कितनी जल्दी पूरा करेगा।’’
शुचि ने प्रक्षेपण से पहले पीटीआई- से कहा, ‘‘एक भारतीय और उसकी बहन के तौर पर यह निश्चित रूप से बहुत गर्व का क्षण है, क्योंकि मेरे भाई की अंतरिक्ष यात्रा में एक अरब भारतीयों की उम्मीदें और आशीर्वाद है।’’