अप्रचलित और पुराने कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 16 दिसंबर (ए)ए) अप्रचलित और पुराने हो चुके 71 कानूनों को समाप्त करने या संशोधित करने के प्रावधान वाले ‘निरसन और संशोधन विधेयक, 2025’ को लोकसभा ने मंगलवार को मंजूरी दे दी।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को लेकर कुछ विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह विधेयक जल्दबाजी में नहीं, सोच-विचार करके लाया गया है और विकसित भारत की दिशा में बढ़ता कदम है।’’उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लगातार कानून बनाए जा रहे हैं, अनावश्यक कानूनों को निरस्त किया जा रहा है तथा कुछ कानूनों में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जा रहा है। मेघवाल ने कहा कि उक्त विधेयक गुलामी के अंशों से मुक्ति पाने, विकसित भारत, विरासत पर गर्व करने, एकजुट रहने और कर्तव्य भाव को बढ़ाने के प्रधानमंत्री मोदी के ‘पंच प्रण’ के तहत लाया गया है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारे शासनकाल में अगर हमें लगेगा कि हमें लोगों को व्यापार सुगमता के लिए प्रोत्साहित करना है, लोगों को समान अधिकार देने हैं, नागरिकों को सुविधा देनी है तो निश्चित रूप से मोदी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी।’’ मेघवाल के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से छह अधिनियमों को निरस्त किया जाएगा और 65 में संशोधन किया जाएगा।कानून मंत्री ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने कहा कि कानूनों को क्यों समाप्त किया जा रहा है और क्या सरकार जल्दबाजी में कानून लेकर आती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस सांसदों से पूछना चाहता हूं कि संप्रग-एक और दो सरकारों में 2004 से 2014 के बीच या तो वे काम करना भूल गए या किसी और काम में लग गए, इसलिए इन्होंने एक भी कानून को निरस्त नहीं किया। इससे पहले तो कानून निरस्त होते रहे। यह भी एक विधायी कामकाज है।’’