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बजट सत्र के लिए लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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नयी दिल्ली, सात अप्रैल (ए) संसद के बजट सत्र के लिए लोकसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र में 27 बैठकें हुईं और सदन की कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही।

बजट सत्र की बैठक निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बैठक 8 अप्रैल तक चलनी थी।

सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘ सत्र के दौरान सदन की बैठकें लगभग 177 घंटे 50 मिनट तक चलीं। इस दौरान 182 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए।’’

उन्होंने बताया कि बजट सत्र के लिए लोकसभा की कार्यवाही 31 जनवरी को शुरू हुई जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को केंद्रीय कक्ष में संबोधित किया।

बिरला ने बताया कि 2, 3,4 और 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और सात फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। इस पर 15 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई।

बिरला ने कहा कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया। इस पर 7,8,9 और 10 फरवरी को चर्चा हुई। निचले सदन ने बजट पर 15 घंटे 35 मिनट तक चर्चा की।

सदन में रेल मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा पोत परिवहन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया।

24 मार्च को शेष मंत्रालयों की अन्य सभी अनुदान की मांगों को एक साथ सभा में मतदान के लिये रखा गया और सभी को एक साथ पारित किया गया।

अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान 12 विधेयक पुन:स्थापित किये गए और 13 विधेयक पारित हुए।

बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सदन की कार्यवाही सभी के सहयोग से ठीक ढंग से संचालित हो रही है। सदन निर्बाध रूप से चले और बिना व्यवधान के चले यह जरूरी है।’’

उन्होंने कहा कि संसद देश की सर्वोच्च संस्था है और हमारा ज्यादा से ज्यादा दायित्व होना चाहिए कि सदन की मर्यादा एवं गरिमा बनी रहे।

बिरला ने कहा कि लोकतंत्र में सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं में चर्चा एवं संवाद होना चाहिए और सभी दलों के सदस्यों को अपनी बात रखने के लिये पर्याप्त समय दिया जाता है।

सत्र के दौरान सदन में जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिये अनुदान की मांगों (2022- 23) और अनुदान की अनुपूरक मांगों (2021-22) को भी पारित किया गया।

सत्र के दौरान पारित किये गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में वित्त विधेयक 2022, दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022, सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 तथा दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022 शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सदन में प्रश्नकाल में प्रतिदिन औसत आठ प्रश्नों के उत्तर दिये गये।

इस सत्र में सभा ने कुल मिलाकर 40 घंटे देर तक बैठकर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और संवाद किया।

सत्र के दौरान सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 486 लोकहित के विषय सदन के समक्ष प्रस्तुत किए। सत्र के दौरान विभिन्न संसदीय समितियों ने कुल 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए।

सत्र के दौरान नियम 193 के तहत जलवायु परिवर्तन,

भारत में खेलकूद को बढ़ावा देने की आवश्यकता और यूक्रेन में स्थिति पर अल्पकालिक चर्चा हुईं। इन विषयों में दो विषयों पर चर्चा सम्पन्न हुई जबकि ‘भारत में खेलकूद को बढ़ावा देने की आवश्यकता’ विषय पर चर्चा पूरी नहीं हुई।

गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर 154 विधेयक पुरःस्थापित किए गए।

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और इसका प्रथम चरण 11 फरवरी तक चला। प्रथम चरण में केंद्रीय बजट पेश किया गया था। बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से शरू हुआ था।

सत्र की कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कक्ष में पहुंचकर उनसे मुलाकात की।

इनमें सपा के संस्थापक एवं सांसद मुलायम सिंह यादव, द्रमुक नेता टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे।

इन सांसदों में वाईएसआरसीपी के पी वी मिथुन रेड्डी तथा आरएसपी के एन के प्रेमचंद आदि मौजूद रहे।

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