नयी दिल्ली: 29 जून (ए)।
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून पूरे देश में इतनी जल्दी पहुंचा है।
आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। इसकी वापसी उत्तर पश्चिम भारत से लगभग 17 सितंबर से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक यह पूरी हो जाती है।
इस वर्ष मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो भारतीय उपमहाद्वीप में इसका 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव तंत्रों के कारण मानसून अगले कुछ दिनों तेजी से आगे बढ़ा और 29 मई तक मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र तथा पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया।
हालांकि इसके बाद मानसून के आगे बढ़ने की गति लगभग 18 दिनों तक ( 29 मई से 16 जून तक) स्थिर रही।
बाद के दिनों में मानसून धीरे-धीरे देश के शेष हिस्सों में पहुंचा, लेकिन दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इसके आगमन में देरी हुई। इसकी वजह इस क्षेत्र में सक्रिय प्रतिचक्रवातीय हवाएं थीं, जिन्होंने मानसूनी धाराओं के प्रवाह में बाधा डाली।