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एनआईए अदालत ने प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया, पांच बरी

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कोच्चि, 12 जुलाई (ए) कोच्चि में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने 2010 में केरल के एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटे जाने के सनसनीखेज मामले में बुधवार को छह लोगों को दोषी ठहराया है। यह सभी दोषी प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित सदस्य हैं।.

विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश अनिल के. भास्कर ने मामले के दूसरे चरण की सुनवाई में इन लोगों में से तीन, साजिल, नासर और नजीब को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अंतर्गत हत्या, साजिश रचने और अन्य अपराधों के साथ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी करार दिया है।.सुनवाई के पहले चरण में 10 लोगों को यूएपीए के साथ-साथ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आईपीसी के तहत दोषी करार दिया गया था। इसके अलावा अदालत ने तीन अन्य को आरोपियों को शरण देने के लिए भी दोषी करार दिया था।

अदालत ने अपने नवीनतम आदेश में जिक्र किया कि दूसरा आरोपी साजिल हमले में शामिल था जबकि तीसरा आरोपी नासर मामले में मुख्य साजिशकर्ता है और पांचवे आरोपी नजीब ने इस ‘आतंकवादी कृत्य’ की सारी योजना बनाई थी लेकिन इसमें शामिल नहीं हुआ।

तीन अन्य नौशाद, पी.पी. मोइदीन कुन्हू और अयूब को अदालत ने जानबूझकर घटना की जानकारी न देने और आरोपियों को छिपाने के लिए आईपीसी के तहत दोषी ठहराया गया है।

बाकी बचे पांच आरोपियों अजीज ओडाकली, शफीक, मुहम्मद रफी, सुबैर और मंसूर को विशेष अदालत ने बरी कर दिया है।

दोषी ठहराए गए आरोपियों को बृहस्पतिवार को सजा सुनाई जाएगी।

हमले के शिकार प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ ने कहा कि जिन लोगों को पकड़ा गया और सजा दी गई ‘वह सिर्फ हथियार’ हैं जबकि इस घटना के असली अपराधियों को ढूंढना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा कि यह फैसला सिर्फ देश में चल रहे कानून को लागू करता है और यह पीड़ित के लिए न्याय नहीं देता है।

फैसला आने के बाद संवाददाताओं से उन्होंने कहा, ”मैं इस बात पर विश्वास नहीं करता कि एक आरोपी को दंडित करने से पीड़ित को न्याय की पूर्ति हो जाती है। यह एक गलत धारणा है। इसलिए उन्हें (मामले में आरोपी) दोषी सिद्ध किया जाए या फिर बरी कर दिया जाए, मुझे निजी तौर पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

इडुक्की जिले के तोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी. जे. जोसेफ के दाहिने हाथ को चार जुलाई 2020 को मौजूदा प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के कथित सदस्यों ने काट दिया था।

यह हमला उस वक्त किया गया था जब वह (प्रोफेसर) अपने परिवार के साथ एर्नाकुलम जिले के मूवाट्टुपुझा स्थित एक गिरजाघर से रविवार की प्रार्थना के बाद घर लौट रहे थे।

सात लोगों के समूह ने प्रोफेसर जोसेफ का वाहन रोका, प्रोफेसर को बाहर खींचा और उनके साथ मारपीट कर उनका दाहिना हाथ काट दिया। घटना का मुख्य आरोपी सवाद अभी भी फरार है।

मामले की शुरुआती जांच करने वाली पुलिस के मुताबिक, आरोपी न्यूमैन कॉलेज में बी.कॉम की सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र में जोसेफ की कथित अपमानजनक धार्मिक टिप्पणियों को लेकर उनकी जान लेना चाहते थे। यह प्रश्न पत्र जोसेफ ने तैयार किया था।

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