डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने ब्रिटिश प्रसारक ‘स्काई न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि दुनिया अब परमाणु खतरे की सीमा को पहचान चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी हमारे क्षेत्र, अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करने की कोशिश करेगा, हमारा जवाब कड़ा होगा।’’
डॉन’ के अनुसार, प्रवक्ता ने भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम का उल्लंघन करने पर ‘‘त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया’’ देने का संकल्प जताया।
कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘ऐसी समस्या है जिसका समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुसार कश्मीर के लोगों को करना होगा।’’
सैन्य प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर तनाव दोनों पक्षों को नष्ट कर देगा।’’
इस बीच, पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलोच ने बृहस्पतिवार को कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में एक-दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान होना चाहिए।
विदेश कार्यालय के एक बयान के अनुसार, बलोच ने पाकिस्तान-भारत संबंधों में हाल के घटनाक्रम के बारे में इस्लामाबाद स्थित विभिन्न राजनयिक मिशन को जानकारी दी।
उन्होंने राजनयिकों को 10 मई को घोषित संघर्ष विराम के कार्यान्वयन और प्रगति से अवगत कराया।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय नेताओं के हालिया ‘‘भड़काऊ’’ बयानों पर चिंता व्यक्त की और किसी भी हमले की सूरत में पाकिस्तान की रक्षा करने की बात कही।
सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, बृहस्पतिवार को अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के हित में भारत के साथ ‘संघर्षविराम’ समझौते पर सहमत हो गया है और इसे कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
शरीफ ने हालिया संकट के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़े रहने के लिए राष्ट्रपति अलीयेव के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर विवाद दक्षिण एशिया में अस्थिरता का ‘‘मूल कारण’’ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार हल किया जाना चाहिए।