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वकीलों की सुरक्षा, वकालत के लिए सुरक्षित माहौल को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका

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नयी दिल्ली, सात अप्रैल (ए) इस महीने की शुरुआत में एक अधिवक्ता की हत्या के मद्देनजर दो वकीलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर केंद्र और दिल्ली सरकार को कानूनी पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने के संबंध में निर्देश देने का अनुरोध किया है।.

वकील दीपा जोसेफ और अल्फा फिरिस दयाल ने अपनी याचिका में कहा है कि अदालत परिसर के अंदर हिंसा की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि हुई है और अब समय आ गया है कि ‘वकील सुरक्षा कानून’ लागू करने के लिए फैसला किया जाये, ताकि कानून बिरादरी को सुरक्षा की गारंटी देने और उनके मन में बैठे डर को दूर करने में मदद मिले।.याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ‘‘बार के एक प्रभावशाली और वरिष्ठ सदस्य की निर्मम हत्या के दृश्य और वीडियो को देखकर’’ उनकी खुद की सुरक्षा चिंता बढ़ गई है और अगर दिल्ली में ‘‘वकील सुरक्षा कानून’’ पारित नहीं किया जाता है, तो वकीलों के खिलाफ अपराध करने वाले अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा।

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में 53-वर्षीय वकील वीरेंद्र कुमार नरवाल की एक अप्रैल को मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

याचिका में कहा गया है, ‘‘विशेष रूप से अधिवक्ता वीरेंद्र नरवाल की मौत के बाद के परिदृश्य ने एक ऐसा माहौल बनाया है, जो बिना किसी डर के वकालत करने के अनुकूल महसूस नहीं कराता है और यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत किसी भी पेशे या नागरिकों के कोई व्यवसाय करने के अधिकार का हनन करता है। यह अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन करता है, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा की गारंटी देता है।’’

वकील रॉबिन राजू के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राजस्थान पहले ही एक कानून पारित कर चुका है, जो ऐसे वकील को पुलिस सुरक्षा प्रदान करता है, जिस पर हमला किया गया हो या जिसे धमकी मिली हो, साथ ही अपराधी के लिए सजा भी निर्धारित की गई है।

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