गुरुग्राम (हरियाणा): 22 सितंबर (ए)
यौन शोषण के आरोपों के बाद ज्योति गिरि महाराज लगभग छह साल पहले गांव छोड़कर चले गए थे।एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि ज्योति गिरि महाराज द्वारा गांव लौटने की घोषणा पर स्थानीय लोगों के आक्रोश के बाद भोरा कलां गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यौन शोषण के आरोपों के बाद ज्योति गिरि महाराज लगभग छह साल पहले गांव छोड़कर चले गए थे।
उनके लौटने की घोषणा के बाद गांव में एक महापंचायत हुई। इसमें उपस्थित लोगों ने घोषणा की कि वे उन्हें गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे। गांव के सरपंच मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित एक महापंचायत में सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि ज्योति गिरि को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
ज्योति गिरि महाराज 2000 में गांव के हनुमान मंदिर में आए और एक अस्पताल व एक गौशाला की स्थापना की। वर्षों तक सैकड़ों साधु और राजनेता उनके भोज में शामिल होते रहे। लेकिन 2019 में कथित तौर पर अश्लील हरकतें करते हुए कैमरे में कैद होने के बाद उन्हें गांव से भागना पड़ा। हालांकि उन पर लगे आरोपों की जांच अभी जारी है।
21 जनवरी को ज्योति गिरी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वह गुमनामी में रह रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह 22 सितंबर को शारदीय नवरात्रि के पहले दिन अपने आश्रम में एक भोज का आयोजन करेंगे। चौहान ने बताया कि ग्रामीणों ने पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपकर ज्योति गिरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।पटौदी के सहायक पुलिस आयुक्त सुखबीर सिंह ने कहा कि ज्योति गिरी ने गांव में भोज आयोजित करने के लिए एसडीएम से अनुमति मांगी थी। उन्होंने कहा कि एसडीएम ने ज्योति गिरी को कोई अनुमति नहीं दी है। पुलिस गांव में गतिविधियों पर नजर रख रही है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया गया है।