नयी दिल्ली: 22 अगस्त (ए)
नया अधिनियम कर कानूनों को सरल बनाने के साथ कानून में शब्दों की संख्या भी कम करेगा, जिससे इसे समझना आसान हो जाएगा।
आयकर विभाग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आयकर अधिनियम, 2025 को 21 अगस्त, 2025 को माननीय राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। यह 1961 के अधिनियम की जगह लेने वाला एक ऐतिहासिक सुधार है जो एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन-अनुकूल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत करता है।’’
आयकर विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों से हाल ही में पारित किया गया था।
नए कानून में किसी नई आयकर दर का प्रावधान नहीं है। यह सिर्फ आयकर कानूनों की भाषा को सरल बनाता है, जो जटिल आयकर कानूनों को समझने के लिए जरूरी था।
नया कानून अनावश्यक प्रावधानों और पुरानी भाषा को हटाता है और 1961 के आयकर अधिनियम की धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 और अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर देता है।
नए आयकर अधिनियम में शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दी गई है। स्पष्टता बढ़ाने के लिए 1961 के कानून के सघन पाठ की जगह 39 नई सारणियां और 40 नए सूत्र शामिल किए गए हैं।