अग्रवाल ने बताया कि यह मामला ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान भारतीय सैनिकों के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित है।
वकील ने बताया कि सांसद-विधायक अदालत के न्यायाधीश आलोक वर्मा ने उन्हें हिरासत में लिया और उनकी जमानत याचिका स्वीकार करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया। अदालत के निर्देशानुसार जमानत बांड और जमानत राशि जमा करने के बाद उन्हें जाने दिया गया।
अग्रवाल ने कहा कि अदालत अब अगली सुनवाई में मामले में आगे की कार्यवाही करेगी।
विशेष अदालत ने इस मानहानि मामले में उन्हें आरोपी के रूप में तलब किया था। इसके पहले गांधी अपराह्न करीब एक बजे लखनऊ हवाई अड्डे पहुंचे और फिर वहां से पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय और उत्तर प्रदेश के पार्टी मामलों के प्रभारी अविनाश पांडे के साथ विशेष सांसद/विधायक अदालत के लिए रवाना हुए।
राय ने ‘न्यूज एजेंसी’ से कहा, ‘‘उनका (गांधी) अदालती सुनवाई में शामिल होने का कार्यक्रम है और वह बाद में दिल्ली लौटेंगे। अगले कुछ दिनों में उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली का दौरा करने के लिए फिर से उत्तर प्रदेश आने की संभावना है।’’
इस दौरान संबंधित मार्ग और अदालत परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
अदालत ने सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव की शिकायत पर गांधी को आरोपी के रूप में तलब किया।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 16 दिसंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मीडियाकर्मियों और जनता को संबोधित करते हुए गांधी ने नौ दिसंबर (2022) को अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई झड़प का ज़िक्र किया तथा कहा कि ‘‘लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में तो पूछेंगे, लेकिन चीनी सैनिकों द्वारा हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक बार भी नहीं पूछेंगे।’’
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की कथित पिटाई के बारे में गांधी के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं।