राहुल ने ‘वोट चोरी’ का डेटा सार्वजनिक किया, निर्वाचन आयोग से इलेट्रॉनिक मतदाता सूची की मांग की

राष्ट्रीय
Spread the love

नयी दिल्ली: सात अगस्त (ए) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र का डेटा सामने रखते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर करके वोट चोरी का यह मॉडल कई निर्वाचन क्षेत्रों में लागू किया गया है ताकि भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिल सके।

उन्होंने यहां संवाददाताओं के समक्ष कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची के आंकड़ों की प्रस्तुति दी और धांधली का दावा किया।राहुल गांधी ने बताया कि ‘‘चुनाव धांधली’’ के सबूत एकत्र करने में कुल छह महीने का समय लगा है।

उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों को ‘मशीन के पढ़ने योग्य’ (मशीन रीडेबल) डेटा इसलिए उपलब्ध नहीं करा रहा है ताकि ये सब पकड़ा न जा सके।

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी टीम ने बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के डेटा का विश्लेषण किया और फिर गड़बड़ी का पता किया।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में छह में पिछड़ गई, लेकिन महादेवपुरा में उसे एकतरफा वोट मिला।

राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई जबकि यह सीट भाजपा ने 32,707 मतों के अंतर से जीती।

उन्होंने कहा, ‘‘महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की जांच की, जहां 1,00,250 वोट चोरी किये गए। 11,965 डुप्लीकेट वोटर बनाए गए, 40,009 फर्जी पतों का इस्तेमाल हुआ।

10,452 वोटरों को एक ही पते पर पंजीकृत किया गया , 4,132 वोटर फर्जी फोटो के साथ सूची में जोड़े गए। 33,692 नए वोटर फॉर्म-6 का गलत इस्तेमाल कर जोड़े गए।’

उन्होंने उदाहरण दिया कि आदित्य श्रीवास्तव नामक एक मतदाता का चार स्थानों पर वोट है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘देश के युवाओं का वोट चोरी किया जा रहा है। वोट कौन चुरा रहा है, आप सभी जानते हैं। पहले हमारे पास सबूत नहीं थे, लेकिन अब हमारे पास 100 प्रतिशत सबूत हैं, सारा डेटा है। ये वोट चोरी कई निर्वाचन क्षेत्रों में की गई है।’

उन्होंने कहा कि वोट चोरी का मॉडल सामने रख दिया गया है और अब चुनाव आयोग को बहाने नहीं बनाने चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उन्हें (मतदान केंद्रों की) सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची हमें दे देनी चाहिए। ये सिर्फ मेरी नहीं, सभी विपक्षी दलों की मांग है।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे संविधान में जो बातें निहित हैं, वो इस तथ्य पर आधारित हैं कि एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार होगा। सवाल यह है कि अब यह विचार कितना सुरक्षित है कि एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार मिलेगा?’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ समय से जनता में एक संदेह था। सत्ता विरोधी माहौल दल के खिलाफ होता है, लेकिन भाजपा इकलौती ऐसी पार्टी जिसके खिलाफ यह माहौल नहीं होता।’’

उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि सर्वेक्षण कुछ कह रहे थे, लेकिन नतीजे कुछ और हो गए।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब ईवीएम नहीं था तो पूरा देश एक दिन वोट करता था, लेकिन आज के जमाने में कई चरणों में मतदान होता है…ऐसे में लंबे समय से संदेह की स्थिति थी।’’

राहुल गांधी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों के भीतर इतने मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए, जो पहले पांच साल की अवधि में नहीं जोड़े गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान एक करोड़ मतदाता बढ़ गए। हम निर्वाचन आयोग के पास गए…हमने पूरी निश्चितता के साथ यह कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव की चोरी की गई।’’

उनके अनुसार, निर्वाचन आयोग ने ‘मशीन से पढ़ने योग्य’ (मशीन रीडबल) मतदाता सूची देने से इनकार कर दिया।

राहुल गांधी ने कहा,‘‘पहले हमारे पास इसका सबूत नहीं था कि भाजपा के साथ मिलकर धांधली की जा रही है…इसके बाद हमने इसका पता लगाने का फैसला किया।’’

उन्होंने दावा किया, ‘नरेन्द्र मोदी 25 लोकसभा सीटों के कारण प्रधानमंत्री बने हैं। चुनाव आयोग हमें डेटा इसलिए नहीं दे रहा, क्योंकि उनको डर है कि हमने जो महादेवपुरा में किया, वही बाकी लोकसभा सीट में कर देंगे तो देश के लोकतंत्र की सच्चाई बाहर आ जाएगी।’

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा से मिला हुआ है।

उनका कहना था, ‘यहां तो अम्पायर (चुनाव आयोग) ही दूसरी टीम का है, इसलिए आप कुछ भी कर लीजिए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’

राहुल गांधी ने बीते एक अगस्त को दावा किया था कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी’ में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है जो ‘एटम बम’ की तरह है जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी।

निर्वाचन आयोग ने उनके आरोपों को आधारहीन और निंदनीय करार दिया था तथा कहा था कि अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है।