लखनऊ: 18 अक्टूबर (ए)
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया है कि अब जीत हमारे लिए कोई छोटा-मोटा इंसीडेंट (घटना) नहीं रहा, बल्कि यह हमारी आदत बन चुकी है। अब हमें इस आदत को बनाए रखने के साथ-साथ इसे और भी मजबूत करने का संकल्प लेना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब सबको भरोसा है कि हमारे विरोधी ‘ब्रह्मोस’ से नहीं बच पाएंगे। जहां तक पाकिस्तान की बात है, उसकी एक-एक इंच जमीन अब ब्रह्मोस की पहुंच मे है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक ‘ट्रेलर’ (नमूना) था। लेकिन उसने ही पाकिस्तान को यह एहसास दिला दिया कि अगर भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है, तो समय आने पर वह…।’’
सिंह ने अपने भाषण में उपरोक्त पंक्ति पूरी नहीं, बल्कि वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘‘अब मुझे आगे बोलने की कोई जरूरत नहीं है-आप खुद समझदार हैं।’’
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से में जब ‘ब्रह्मोस’ का नाम लिया जाता है तो लोगों को इसकी तकनीकी विशेषताएं भले न पता हों, लेकिन बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक के मन में मिसाइल की छवि के साथ-साथ विश्वसनीयता स्वाभाविक रूप से आ जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें (मिसाइल) एक ओर परंपरागत चीज है तो दूसरी ओर आधुनिक सिस्टम है। यह लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है। यह वायुसेना, नौसेना और थलसेना-तीनों ही सेनाओं का भरोसा है। यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अपने सपनों को साकार करने की ताकत रखता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी विश्वास ने हमें ऑपरेशन सिंदूर में ताकत दी, जहां ‘ब्रह्मोस’ एक सामान्य सिस्टम नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा का सबसे बड़ा ‘प्रैक्टिकल प्रूफ’ (व्यावहारिक प्रमाण) साबित हुआ है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों से लेकर सामान्य नागरिकों तक, बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक, और शिक्षित से लेकर कम शिक्षित नागरिकों तक, सभी में ‘ब्रह्मोस’ की ताकत का व्यापक रूप से विश्वास है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत अब ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल से न केवल अपनी सुरक्षा, बल्कि मित्र देशों की सुरक्षा की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत अब ‘ब्रह्मोस’ जैसी मिसाइल से न केवल अपनी सुरक्षा बल्कि, दुनिया के अंदर अपने मित्र देशों की सुरक्षा की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी सक्षम है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भरता की यह मिसाइल एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत अब ‘ब्रह्मोस’ जैसी मिसाइल से न केवल अपनी सुरक्षा बल्कि, दुनिया के अंदर अपने मित्र देशों की सुरक्षा की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी सक्षम है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भरता की यह मिसाइल एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित करने का उल्लेख करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री के सानिध्य में विकसित ब्रह्मोस मिसाइल केंद्र न केवल रक्षा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि यह क्षेत्र की खुशहाली का भी माध्यम बनेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल पूरे देश के लोगों की समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में ब्रह्मोस के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि यह शहर पहले तहजीब के लिए जाना जाता था लेकिन अब यह पूरी दुनिया में ताकत के लिए भी जाना जाएगा।
महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने अपने संबोधन में अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है कि ब्रह्मोस की पहली खेप का अनावरण हो रहा है जो आत्मनिर्भर भारत का एक संदेश है।
उन्होंने सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति आभार जताया।
इस मौके पर जोशी ने राजनाथ सिंह को स्मृति चिह्ल दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और क्षेत्रीय विधायक राजेश्वर सिंह समेत अन्य अतिथियों को भी स्मृति और प्रतीक चिह्ल देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान, जोशी व समीर कामत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री को जीएसटी का 40 करोड़ का एक चेक भेंट किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह न केवल उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि इससे रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के भारत के संकल्प को एक नयी ऊर्जा भी मिलेगी।
इसमें कहा गया है कि ‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक’ मिसाइल प्रणाली की निर्माता ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ ने लखनऊ के सरोजनी नगर में स्थित अपने नए केंद्र में मिसाइल प्रणाली के पहले समूह का सफलतापूर्वक उत्पादन किया है।
इस अत्याधुनिक इकाई का उद्घाटन 11 मई 2025 को किया गया था। इसमें मिसाइल एकीकरण, परीक्षण और अंतिम गुणवत्ता जांच के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। भारतीय सशस्त्र बल सफल परीक्षण के बाद मिसाइलों को तैनाती के लिए तैयार करते हैं।