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रहस्य बना सड़ा गला शव, परिजनों ने जिसका किया था दाह संस्कार वह लौटा घर,फिर —

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गाजीपुर,18 जुलाई (ए)। धर्मागतपुर गांव के श्मशान घाट के समीप के भूसे के टीन शेड से गत 25 जून को मिले अर्धगले नग्न शव की गुत्थी अब बुरी तरह उलझ गयी है। जिसका शव बताकर उसका दाह संस्कार व त्रयोदशाह संस्कार किया गया था,वह सत्रह जुलाई रविवार को अपने घर वापस लौट आया है।
मृतक के घर वापसी की जानकारी मिलते ही गांव में हलचल मच गयी कि जब नन्द किशोर जीवित है तो फिर उसके पिता वासुदेव राजभर ने जिस शव का क्रिया कर्म किया वह कौन था ? यह यक्ष प्रश्न गांव वालों के लिए ही नहीं बल्कि शासन प्रशासन के समक्ष भी चुनौती बन गया है।
उल्लेखनीय है कि दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के धर्मागतपुर गांव के श्मशान घाट के समीप भूसा रखे गये टीन शेड में गत माह 25 जून को सड़ा हुआ नग्न शव मिला था। शव को देखकर लोग तरह तरह के कयास लगाते रहे लगे और इसकी सूचना तत्काल थाने को दी।
इसके बाद दुल्लहपुर थाने की टीम शव को कब्जे में लेकर कारर्वाई हेतु थाने पहुंची थी। कुछ ही देर बाद वहां धर्मागतपुर निवासी बासुदेव राजभर ने शव की शिनाख्त अपने बेटे नन्द किशोर राजभर 28 वर्ष के रूप में की। उन्होंने बताया कि मृतक नंद किशोर काफी दिनों से विक्षिप्त था। वह 3 जून से लापता था जिसकी काफी खोजबीन की जा रही थी लेकिन पता नहीं चला।
इसके बावजूद विक्षिप्त युवक का शव नग्न अवस्था में भूसे में दबाया मिलना लोगों में चर्चा का विषय बना रहा। उस समय भी लोगों ने उस शव को नन्दकिशोर के शव होने पर सुबहा जताया था और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय राजभर ने उस समय भी पंचनामा पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। ग्रामीणों और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय राजभर का शक अब साक्षात सच हो गया है, क्योंकि नन्दकिशोर अब जीवित मौजूद है।
दुल्लहपुर थानाध्यक्ष शैलेश मिश्रा ने बताया कि बासुदेव राजभर ने शव को अपने पुत्र नन्दकिशोर का बताया था और पोस्टमार्टम के बाद शव उनके सुपुर्द किया गया था। बासुदेव राजभर अब कह रहे हैं कि शव का चेहरा सड़ गल गया था जिससे उन्हें पहचानने में भूल हुई।
अब पुलिस के सामने महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जिसका शव भूसे में दबाकर रखा गया था आखिर वह था कौन? उसकी हत्या कब, कहां, क्यों, कैसे और किन परिस्थितियों में हुई और शव कैसे भूंसे के भीतर जा पहुंचा?
अब यह पता लगाने में पुलिस को काफी माथापच्ची करनी होगी क्योंकि अब शव से जूड़े सभी सबूत नष्ट हो चुके हैं।

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