नयी दिल्ली: सात मई (ए)।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा और सशस्त्र बलों की सराहना की गई। बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए कांग्रेस ने बैठक में यह फैसला भी किया कि उसकी प्रस्तावित ‘संविधान बचाओ रैलियां’ और अन्य कार्यक्रम अगले कुछ दिनों तक स्थगित रहेंगे।
कार्य समिति की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारतीय सशस्त्र बलों पर हम गर्व करते हैं, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर साहसिक और निर्णायक कार्रवाई करते हुए मुहंतोड़ जवाब दिया है। हम अपने जांबाज सैनिकों के साहस, दृढ़ संकल्प और राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हैं।’
उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दिन से ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साफ़ तौर पर सशस्त्र बलों और सरकार के साथ एकजुटता से खड़े होकर सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हर निर्णायक कार्रवाई का समर्थन किया था।
खरगे ने कहा कि पाकिस्तान और पीओके से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के सभी रूपों के विरुद्ध भारत की राष्ट्रीय नीति बहुत स्पष्ट और अडिग है।
उनके अनुसार, महान भारत देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी स्तर पर एकजुटता की सर्वाधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के वीर जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इतिहास गवाह है कि हमारे नायकों ने हमेशा राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए, देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी शहादत दी है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अपने सशस्त्र बलों पर उन्हें बहुत गर्व है और वह उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा ‘‘सरकार जो कदम उठा रही है, उसका हम समर्थन करते हैं और हमें हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व है। हम अपने जवानों की राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हैं।’’
भारतीय सश्स्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के ठिकानों समेत आतंकियों के छिपने के नौ अड्डों को रात में निशाना बनाया।
निशाना बनाए गए ठिकानों में बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां का सरजल, कोटली का मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप शामिल हैं। ये सभी ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं।
इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें मुरीदके का मरकज तैयबा, बरनाला का मरकज अहले-हदीस और मुजफ्फराबाद का शवावाई नाला कैंप शामिल हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये हमले किए गए। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।