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ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे मरीजों की जान बचाना युवक के लिये पड़ा महंगा,उसके ही खिलाफ मुकदमा दर्ज

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जौनपुर, 01 मई (ए)। देेश मेें फैैैले कोरोना संक्रमण में लाचारी और बेबसी का आलम हर रोज देखने को मिल रहा है। दवा की जरूरत हो या फिर ऑक्सीजन की, सिस्टम की कमी के आगे हर कोई मजबूर है। ऐसे ही लोगों की मदद करने के लिए कुछ लोग आगे गए हैं। कोई उनके लिए खाना पहुंचा रहा है तो कोई आक््सीजन सिलेंडर। लेकिन संक्रमण के इस दौर में जरूरतमंदों की मदद करना भी मुसीबत से कम नहीं है। जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे लोगों पर भी स्वास्थ्य विभाग नकेल कस रहा है। यूपी के जौनपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
लोगों की जान बचाने वाले व्यक्ति पर ही प्रशासन ने गाज गिरा दी। कल तक दर्जनों मरीजों को अपने पैसे से ऑक्सीजन मुहैया कराकर जान बचाने वाले एम्बुलेंस मालिक पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। नगर कोतवाली में सीएमएस की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इतना ही नहीं एम्बुलेंस मालिक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार उसके घर पर दबिश दे रही है। आरोप लगा कि कोरोना महामारी फैला रहा था। सीएमएस की इस कार्रवाई से निश्चित तौर पर न जाने कितने लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गयी। ऐसे में अब कौन समाजसेवा के लिए हिम्मत जुटायेगा। 

जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में मरीजों का तांता लगा था। अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण मरीजों का इलाज समय पर नहीं हो पा रहा था। मरीजों को जमीन पर तड़पता देख नगर के अहियापुर मोहल्ले का निवासी व प्राइवेट एम्बुलेंस संचालक विक्की अग्रहरि खुद अपने स्तर से आक्सीजन की व्यवस्था करके मरीजों को आक्सीजन देने लगा। विक्की के अनुसार उसने 27 से 28 मरीजों को आक्सीजन देकर उनकी जान बचायी। यह खबर जब मीडिया के जरिये सुर्खियों में आयी तो अस्पताल प्रशासन की कलई खुल गई। माना जा रहा है कि किरकिरी होने से नाराज सीएमएस ने देर शाम नगर कोतवाली में महामारी फ़ैलाने का मुकदमा दर्ज करा दिया। इस बारे में डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे मामले की जांच करायी जाएगी।  सीएमएस की इस कार्रवाई के परिपे्रक्ष्य में देखना होगा कि जिलाधिकारी व सीएमओ साहब आरोपित का सम्मान करवाते हैं या फिर उसे जेल भेजेंगे। 

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