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सेक्स्टॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़: नामी-गिरामी लोगों को पूजा शर्मा के नाम पर भेजी जाती थी फ्रेंड रिक्वेस्ट, पोर्न फिल्मों के जरिए होती थी ब्लैकमेलिंग

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मुंबई,22 फरवरी (ए)। महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस के साइबर पुलिस स्टेशन ने एक सेक्स्टॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट से जुड़े आरोपी पोर्न फिल्मों और तस्वीरों के जरिए लोगों को ब्लैकमेल करते थे और उन्हें अपना शिकार बनाते थे। पुलिस ने रैकेट के तीन युवकों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया है। एक आरोपी को राजस्थान, दूसरे को हरियाणा और तीसरे को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की मॉडस ऑपरेंडी यह थी कि उन्होंने कुछ राजनेताओं, बड़े मीडिया कर्मियों और नौकरशाहों के सोशल मीडिया प्रोफाइल का अध्ययन किया और फिर उन्हें निशाना बनाया। आरोपी किसी महिला के नाम से अपना फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। इस मामले में आरोपियों ने पूजा शर्मा नाम का इस्तेमाल किया था। प्रोफ़ाइल बनाने के बाद रैकेट के लोग नामी-गिरामी लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे फिर उनसे बातचीत का सिलसिला बढ़ाते और दोस्ती कर लेते थे पहले मैसेज और फिर कुछ व्हाट्सएप पर सब चलता रहता। फिर वीकेंड पर अचानक आरोपी की तरफ से वीडियो कॉल आती है। कॉल की शुरुआत किसी पोर्न क्लिप या पोर्न वीडियो से होती है उस पोर्न क्लिप को देख रहा शख्स इनका शिकार बन जाता है। आरोपी उस वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करता है और फिर उस वीडियो को मॉर्फ करके अश्लील वीडियो बना लेता है. इसके बाद फिर पीड़ित के पास कॉल आती है। कॉल करने वाला कहता है कि आपने वीडियो कॉल के माध्यम से मेरी पत्नी या बहन से संपर्क किया है और उसे पोर्न वीडियो दिखाकर यौन गतिविधियों में लिप्त किया। इसके बाद पीड़ित को धमकी दी जाती है कि उसके वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा और सोशल मीडिया पर शेयर किया जाएगा। अगर इससे बचना है तो उसे एक रकम चुकानी होगी। पहले मांगी गई रकम छोटी हो सकती है। 2000 रुपये से 5000 रुपये तक। लेकिन एक बार जब पीड़ित इन आरोपियों को पैसा भेज देता है, तो ये लोग उससे लाखों रुपये की जबरन वसूली पर अड़ जाते हैं। उसे ब्लैकमेल करते हैं लोकलाज और सामाजिक कलंक के डर से कई लोग इनके झांसे में फंस जाते हैं और इन्हें रकम दे देते हैं। मुंबई पुलिस की साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने हरियाणा, यूपी और राजस्थान पुलिस की मदद ली और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि आरोपियों ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग सेक्शन और ग्रुप बनाए हैं और वे राजनेताओं, नौकरशाहों और मीडिया पेशेवरों के साथ-साथ व्यापारियों को अपना निशाना बनाते हैं आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पूजा शर्मा के नाम से बनाए गए 171 से ज्यादा फेसबुक अकाउंट ब्लॉक किए गए हैं जबकि पुलिस ने इनके कब्जे से 50 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं कई बैंक खातों को भी फ्रीज किया गया है। तीनों आरोपी पूरे देश में सक्रिय रूप से अपना रैकेट चला रहे थे पुलिस ने आरोपियों के 58 बैंक खाते फ्रीज कराए हैं। ये तीनों शातिर अलग-अलग ग्रुप बनाकर लोगों को टारगेट करते थे इनमें से एक केवल राजनीतिक हस्तियों को टारगेट करता था तो दूसरा केवल मीडिया पेशेवरों को अपना लक्ष्य बनाता था। इसी तरह से तीसरा शातिर कुछ नौकरशाहों को भी शिकार बनाता था इन लोगों ने बॉलीवुड की कुछ हस्तियों को भी शिकार बनाने की कोशिश की थी आरोपी कभी अपने शिकार से कभी फोन पर बात नहीं करते थे वे केवल मैसेजिंग के जरिए ही बातचीत किया करते थे अगर उन्हें कुछ गलत होने का एहसास होता था, तो वे दूसरे साथी को चौकन्ना भी करते थे। ज्यादातर आरोपी स्कूल ड्रॉपआउट कर चुके हैं या कुछ केवल मैट्रिक पास हैं इस रैकेट के बारे में मुंबई पुलिस के साइबर थाने को कुछ अज्ञात राजनेताओं ने भी शिकायत की थी।

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