लखनऊ: 13 सितंबर (ए)
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ सक्रियता से सुलझाया जाना चाहिए।आदित्यनाथ ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ता है इसलिए उन्हें धैर्यपूर्वक जनता की शिकायतों को सुनना चाहिए और उनका तर्कसंगत समाधान करना चाहिए।
आदित्यनाथ ने राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि चिकित्सकों को मरीजों और उनके परिवारों के साथ व्यवहार करते समय संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम (राजनेता होने के नाते) भी ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करते हैं और यह हमारा कर्तव्य है कि हम समस्याओं को समझें और उचित समाधान निकालें।”
उन्होंने कहा कि अस्पतालों को मरीजों की कई समस्याओं का समाधान करना होता है, जैसे एम्बुलेंस की व्यवस्था और रक्त की उपलब्धता, जो देखने में भले ही छोटी लगें लेकिन अगर समय पर इनका समाधान न किया जाए तो बड़ी समस्या बन सकती हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, “छोटी-छोटी बातें कभी-कभी हमारे लिए बड़ी समस्या बन जाती हैं। आपने देखा होगा कि नेपाल में क्या हुआ। लोगों ने सोशल मीडिया को नजरअंदाज किया … नतीजा क्या हुआ? विकास और प्रगति कैसे रुक गई? लोगों की जिंदगी से कैसे खिलवाड़ किया गया? यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाएं कहीं और न हों, हर व्यक्ति को अपने-अपने क्षेत्र में सतर्क रहना चाहिए।”
नेपाल पुलिस द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विद्यार्थियों के नेतृत्व में हुए ‘जेन जेड’ विरोध प्रदर्शन में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप मंगलवार को केपी शर्मा ओली सरकार गिर गई।
वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को प्राय: ‘जेन जेड’ पीढ़ी के नाम से जाना जाता है।