Site icon Asian News Service

US में रहकर खाते हैं गांव की हल्दी,इस भारतीय अरबपति का दुनिया के टॉप टेन अमीरों में है नाम

Spread the love

हुरून ग्लोबल 2021 रिचेस्ट की सूची में दुनिया के टॉप टेन भारतीय धनी व्यक्तियों में शामिल हुए जय चौधरी के पुश्तैनी गांव ऊना के पनोह के लोग स्वयं को गर्वित महसूस कर रहे हैं। चैनल से बात करने पर उनके भाई और पड़ोसियों ने इसे गांव और देश-प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया है। उन्होंने जय चौधरी के बचपन और संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्हें शुरू से ही मेहनती बताया। उन्होंने आज भी गांव से हल्दी लेकर जाने जैसे किस्सों का जिक्र करते हुए उनके जड़ों से जुड़े होने का दावा किया। हुरून ग्लोबल 2021 रिचेस्ट की सूची हाल ही में घोषित की गई है, जिसमें दुनिया के सर्वोच्च 10 धनी भारतीयों में इंडो-अमेरिकन जय चौधरी का नाम भी शामिल है। यही नहीं, दुनिया के शीर्ष अरबपतियों में भी उनका नाम शुमार है। इस लिस्‍ट में पहले नंबर पर मुकेश अंबानी हैं, जिनकी कुल संपत्ति 7,18,000 करोड़ रुपये है। जबकि अमेरिका में बसे 62 वर्षीय जय चौधरी का लिस्‍ट में 10वां स्‍थान है। उनकी साइबर सिक्योरिटी फर्म जी स्कैलर में 42 फीसद हिस्सेदारी है। अमेरिका, जापान सहित कई देशों में कंपनी के कार्यालय हैं। भारत में चंडीगढ़, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे महानगरों में कंपनी के कार्यालय हैं। जय चौधरी 1,21,600 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार पिछले साल उनकी संपत्ति में लगभग 271 फीसदी की वृद्धि हुई है। 62 साल के जय मूलतः हिमाचल प्रदेश के ऊना के पनोह गांव के निवासी हैं। इस सूची के आने के बाद जय के पुश्तैनी गांव के लोग काफी खुश हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं। यहां अब फिलहाल उनके चचेरे भाई रहते हैं जबकि उनके पुश्तैनी घर में एक डॉक्टर किराये पर रहते हैं। उनके एक भाई ऊना शहर में बस गए हैं जबकि उनके पिता भगत सिंह, माता सुरजीत और एक अन्य भाई प्यारा सिंह चौधरी भी अमेरिका ही रहते हैं। जय की 3 बहनें भी हैं। एक चैनल से बात करते हुए जय के चचेरे भाई निर्मल सिंह चौधरी ने जय की इस उपलब्धि को देश प्रदेश और परिवार के लिए गौरव का विषय बताया है। उन्होंने जय को बचपन से शिक्षा के प्रति समर्पित बताते हुए उनकी शुरुआती शिक्षा ऊना के उनके पुश्तैनी गांव पनोह से और ऊना कॉलेज से ग्रेजुएशन करने की बात बताई। गरीब किसान के बेटे जय ने इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीटेक की डिग्री ली। जिसके बाद 1980 में जय एमटेक के लिए अमेरिका चले गए, जहां पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने पार्ट टाइम नौकरी भी की। निर्मल कहते हैं कि आज भी भारत आने पर वह सभी से जरूर मिलते हैं। उन्होंने मुलाकात होने पर आपस में बचपन के किस्सों को भी याद करने की बात कही। विजय चौधरी के पुश्तैनी घर में किराये पर रह रहे राजेंद्र ठाकुर कहते हैं कि देश के 10 धनी लोगों में शुमार जय चौधरी के घर में रहते हुए उन्हें गर्व का आभास होता है। वह कहते हैं कि इस घर में रहते हुए उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरणा भी मिलती है। जमीन से जुड़े हुए हैं जय चौधरी जय चौधरी से जुड़े किस्सों का जिक्र करते हुए हुए गांव के ही राजकुमार बताते हैं कि पढ़ने में तेज-तर्रार जय उनके सीनियर हुआ करते थे और उन्होंने हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंत परमार के सामने स्कूल के दिनों में एक विज्ञान से जुड़ा हुआ प्रोजेक्ट दिखाया था, जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री बहुत प्रभावित हुए थे। तभी से जय का नाम होने लगा था। राजकुमार कहते हैं कि जय चौधरी आज भी अपने देश की मिट्टी से जुड़े हैं, इसलिए उनकी बनाई हल्दी भी अमेरिका ले जाते हैं। जय चौधरी अपने ट्रस्ट के माध्यम से जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहित विभिन्न प्रकार से सहायता करते हैं। साल 1986 में जय चौधरी की शादी चंडीगढ़ की रहने वाली ज्योति से हुई। दो बेटों और एक बेटी के पिता जय चौधरी ने 2008 में साइबर सिक्योरिटी देने वाली अपनी कंपनी Z scaler नाम से बनाई, जिसे उन्होंने 2018 में 55 फीसदी पब्लिक कर दिया। कंपनी का वर्तमान मूल्य लगभग 28 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। कोरोना काल में डिजिटल प्रौद्योगिकी के तेजी से अपनाने के कारण चौधरी की कंपनी को बहुत ताकत मिली।

Exit mobile version