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देश की आर्थिक हालत हुई पतली: विदेश से खूब कर्ज ले रहा भारत,एक साल पहले के मुकाबले 8.2% का इजाफा

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नई दिल्ली, 05 सितम्बर (ए)।बीते वित्त वर्ष में भारत का विदेशी कर्ज बढ़ गया है। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2022 तक भारत का विदेशी कर्ज 620.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो मार्च 2021 के अंत में रहे 573.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज से 8.2 प्रतिशत अधिक है। इस कर्ज में 53.2 प्रतिशत अमेरिकी डॉलर के मूल्‍य वर्ग में था, वहीं भारतीय रुपये के मूल्य वर्ग का कर्ज 31.2 प्रतिशत अनुमानित था।
जीडीपी के अनुपात में: मार्च 2022 के अंत में विदेशी कर्ज जीडीपी के अनुपात में गिरकर 19.9 प्रतिशत हो गया जो एक साल पहले 21.2 प्रतिशत था। विदेशी कर्ज के अनुपात के रूप में विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर मार्च 2022 के अंत में 97.8 प्रतिशत पर रहा जो एक साल पहले 100.6 प्रतिशत था।
लॉन्ग टर्म का कर्ज 499.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर अनुमानित था, जो कुल कर्ज का 80.4 प्रतिशत है। वहीं, 121.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का शॉर्ट टर्म लोन ऐसे कुल ऋण का 19.6 प्रतिशत था। 
वाणिज्यिक उधार (सीबी), एनआरआई जमा राशि, अल्पकालिक व्यापार ऋण और बहुपक्षीय ऋण एक साथ मिलकर कुल विदेशी ऋण का 90 प्रतिशत है, जबकि मार्च 2021 के दौरान एनआरआई में मामूली कमी हुई। दूसरी ओर सीबी अल्पकालिक व्यापार ऋण और बहुपक्षीय ऋण में इस अवधि के दौरान बढ़ोत्‍तरी हुई।

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