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सैलरी सिर्फ दस हजार रुपये महीना, तीस लाख की गाड़ी और एक लाख का मोबाइल फोन देख एसआईटी भी रही दंग,फिर-

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प्रयागराज, 24 सितम्बर (ए)। यूपी के प्रयागराज में हुई महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में जांच कर रही एसआईटी तीसरे आरोपी संदीप तिवारी का वैभव देखकर दंग है। एसआईटी को उसके पास लगभग एक लाख कीमत का मोबाइल मिला था। टीम उसके कमरे में छानबीन करने पहुंची तो वहां आनंद गिरि की तस्वीर लगी मिली। वहीं, तहखाने में जमीन पर नरेंद्र गिरि की फोटो रखी मिली। 
एसआईटी ने संदीप की लग्जरी लाइफ स्टाइल देखकर उसकी आय का जरिया पूछा। यह भी पता चला कि उसने हाल में 30 लाख कीमत की कार खरीदी थी। करोड़ों रुपये का नैनी में मकान है। एसआईटी की मानें तो संदीप के पिता आद्या तिवारी को मंदिर से नौ हजार रुपये वेतन मिलता था। इसके बाद संदीप ने भी मंदिर में आनंद गिरि की मदद से जगह बना ली। वहां प्रसाद बेचने के लिए दुकान खोल ली। बताया जा रहा है कि संदीप को भी दस हजार रुपये ही तनख्वाह के रूप में मिलते थे लेकिन दुकान खुलने से उसकी आय बढ़ गई थी।  एसआईटी ने उसकी कॉल डिटेल की पड़ताल की। मोबाइल में आनंद गिरि से बातचीत के प्रमाण मिलने की बात सामने आई है। पुलिस ने व्हाट्सएप कॉल भी चेक की। यह भी देखा कि उसने कोई वीडियो और डेटा तो नहीं मिटाया है। बैंक खातों के बारे में जानकारी ली गई।
बड़े हनुमान मंदिर से जुड़े होने तक संदीप की पुलिस और प्रशासनिक अफसरों में पैठ हो गई थी। उसने पहुंच और धन-बल का फायदा उठाकर पुलिस के सीयूजी नंबर की सिरीज का एक मोबाइल नंबर ले लिया था। इसी नंबर से लोगों को कॉल करता था। खुद को पुलिस अफसर बताकर इस नंबर से कॉल करता था। मंदिर से उसे निकाले जाने के बाद भी वह दबंगई से बाज नहीं आया। एक बार पुलिस अफसर बनकर किसी को कॉल करने पर धमकी देने का मामला पुलिस तक पहुंचा था। पुलिस ने संदीप को पूछताछ के लिए उठाया था लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।

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