ईरान पर अमेरिकी हमले के संदर्भ में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मैं ऐसा कर सकता हूं, मैं ऐसा नहीं भी कर सकता हूं। मेरा मतलब है, कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने जा रहा हूं।’’उन्होंने कहा है कि ईरान वार्ता के लिए व्हाइट हाउस आने को तैयार था. लेकिन उनका जवाब था कि अब बहुत देर हो चुकी है. ट्रंप के शब्दों में, ‘मैंने कहा कि बात करने के लिए बहुत देर हो चुकी है. अब और एक हफ्ते पहले के बीच बहुत अंतर है.’ ट्रंप ने आगे कहा, ‘उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वो व्हाइट हाउस आएं. यह हिम्मत की बात है लेकिन आप जानते हैं, उनके लिए ऐसा करना आसान नहीं है.’ ट्रंप से खामनेई की उस प्रतिक्रिया को लेकर भी सवाल किया गया जिसमें उन्होंने सरेंडर करने से मना कर दिया था. ट्रंप ने जवाब दिया, ‘ मैं, उन्हें बस गुड लक कहूंगा. धैर्य खत्म हो चुका है और उनका देश खंडहर हो चुका है. कई लोग मारे गए हैं और यह दुखद है.’ ट्रंप से जब ईरान पर हमले के बारे में सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘हमला करूंगा या नहीं अभी कह नहीं सकता.’डोनाल्ड ट्रंप से पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने अमेरिका को जवाब दिया है. खामेनेई ने कहा कि उनका देश कभी भी सरेंडर नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान अपने शहीदों के खून को कभी नहीं भूलेगा. ट्रंप ने मंगलवार को खामेनेई को वॉर्निंग दी थी और कहा था कि ईरान को ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ कर देना चाहिए. खामेनेई ने अमेरिका को भी एक कड़ा संदेश जारी किया. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका को पता होना चाहिए कि ईरान कभी सरेंडर नहीं करेगा. साथ ही किसी भी अमेरिकी हमले के गंभीर नतीजे होंगे और ऐसा जवाब मिलेगा जिसकी कभी भरपाई नहीं हो पाएगी.’ खामेनेई ने विदेशी ताकतों के खिलाफ सख्त चेतावनी भी जारी की है. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि उनका देश ‘एक थोपे गए युद्ध के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा. ठीक उसी तरह जैसे वह एक थोपे गए शांति के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा.’