नयी दिल्ली: 30 जुलाई (ए) उद्योग जगत ने भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले को झटका बताते हुए कहा कि यह हमारी उम्मीद से कहीं अधिक है।
निर्यातकों के शीर्ष निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा कि अमेरिका का 25 प्रतिशत का शुल्क कुछ ज्यादा है।हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि कुछ ही महीनों में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) होने की संभावना है, जिससे शुल्क नीचे आ जाएगा।
कपड़ा उद्योग के शीर्ष निकाय कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सिटी) की महासचिव चंद्रिमा चटर्जी ने कहा, “अमेरिका शुल्क की घोषणा कपड़ा क्षेत्र के लिए काफी बड़ा झटका है। हमें बड़ी उम्मीद थी कि हम तरजीही देश में आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘25 प्रतिशत शुल्क ज्यादातर प्रतिस्पर्धी देशों से अधिक है। सिर्फ बांग्लादेश पर शुल्क हमसे अधिक है। दूसरी बड़ी चिंता जुर्माने को लेकर है जो अभी साफ नहीं है…।’’
उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग 10 से 15 प्रतिशत शुल्क की उम्मीद कर रहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने रूस से सैन्य खरीद को लेकर इस शुल्क के ऊपर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की है।
सहाय ने बयान में कहा, ‘‘अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, वह कुछ ज्यादा है। भारत पर क्या जुर्माना लगेगा, यह अभी साफ नहीं है।’’
हालांकि फियो ने उम्मीद जतायी है कि कुछ ही महीनों में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता होने की उम्मीद है, जिससे शुल्क नीचे आ जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 25 प्रतिशत शुल्क आने के बाद अमेरिकी आयातक और भारत के निर्यातकों के बीच बातचीत होगी।’’
सहाय ने कहा, ‘‘हमें यह देखना होगा किस स्तर तक हम शुल्क को सहन कर सकते हैं और एक दीर्घकालीन संबंधों की बात कर सकते हैं।’’
चटर्जी ने कहा, ‘‘अब सभी उम्मीदें भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर जारी बातचीत पर है। उम्मीद है कि उसमें कपड़ा क्षेत्र के लिए कोई तरजीही व्यवस्था होगी क्योंकि भारत-अमेरिका व्यापार में कपड़ा दोनों के लिए फायदेमंद है।