भुवनेश्वर: 27 जुलाई (ए)।
मोदी ने पर्यावरण की रक्षा और जंगल की आग को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के वास्ते क्योंझर की प्रमिला प्रधान की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि 650 से अधिक आदिवासी महिलाओं ने मयूरभंज में संथाली साड़ी को पुनर्जीवित किया है।
उन्होंने कहा कि अब ये महिलाएं हर महीने हजारों रुपये कमा रही हैं और वे सिर्फ कपड़ा ही नहीं बना रही हैं, बल्कि अपनी पहचान भी गढ़ रही हैं।
प्रधानमंत्री ने क्योंझर जिले की प्रमिला प्रधान द्वारा पर्यावरण संरक्षण और वनों की आग को रोकने के लिए संकीर्तन के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के प्रयासों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की विविधता की सबसे खूबसूरत झलक हमारे लोकगीतों और परंपराओं में मिलती है और इसी का हिस्सा होता हैं हमारे भजन और हमारे कीर्तन। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कीर्तन के जरिये वन की आग के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए? शायद आपको विश्वास न हो, लेकिन ओडिशा के क्योंझर जिले में एक अद्भुत कार्य हो रहा है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘यहां राधाकृष्ण संकीर्तन मंडली नाम की एक टोली है। भक्ति के साथ-साथ ये टोली आज पर्यावरण संरक्षण का भी मंत्र जप रही है। इस पहल की प्रेरणा हैं–प्रमिला प्रधान जी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जंगल और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्होंने (प्रमिला प्रधान ने) पारंपरिक गीतों में नये बोल जोड़े, नये संदेश जोड़े। उन्होंने कहा कि उनकी टोली गांव-गांव गई और गीतों के माध्यम से लोगों को समझाया कि जंगल में लगने वाली आग से कितना नुकसान होता है।
मोदी ने कहा, ‘‘ये उदाहरण हमें याद दिलाता है कि हमारी लोक परंपराएं कोई बीते युग की चीज नहीं हैं, इनमें आज भी समाज को दिशा देने की ताकत है।’’
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने यहां वनवासी कल्याण आश्रम के बच्चों के साथ प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम की 124वीं कड़ी सुनी।
माझी ने बच्चों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के उद्देश्य और प्रेरक पहलुओं के बारे में भी बताया।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, माझी ने बच्चों को अच्छी पढ़ाई करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने की सलाह दी।