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किसानों ने ठुकराया सरकार का लिखित प्रस्ताव, आंदोलन और तेज करने का ऐलान, राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दलों के नेता

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नई दिल्ली, 09 दिसम्बर एएनएस। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ किसान नेताओं के बीच मंगलवार की रात हुई बैठक विफल रहने के बाद सरकार और किसान यूनियनों के बीच आज होने वाली बैठक अब नहीं होगी। सरकार ने किसानों को कृषि कानून में संशोधन का लिखित प्रस्ताव भेजा जिसे पढ़ने के बाद किसानो ने सरकार के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है । इस पर किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर बैठक की। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कृषि कानूनों की वापसी की मांग की है। किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। किसान नेताओं ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने सरकार के सभी प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि, जो सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं। इसके अलावा अन्य नेताओं ने भी प्रेस को संबोधित किया । किसानों ने कहा कि जियो के सभी प्रोडक्ट का बहिष्कार करेंगे। 14 दिसंबर को पूरे देश में धरना-प्रदर्शन करेंगे। 13 तारीख को पूरे देश में धरना प्रदर्शन करेंगे। 12 तारीख को पूरे देश में टोल प्लाजा फ्री करेंगे। 12 तारीख तक कभी भी दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद किया जा सकता है। नेताओं ने ऐलान किया है कि 14 दिसंबर के बाद सेअनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी रहेगा, जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते। बीजेपी के मंत्रियों का घेराव होगा।
एक के बाद एक दिल्ली की सड़कें जाम की जाएंगी। दूसरी ओर
कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे हैं।
 

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