Site icon Asian News Service

कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन पहुंची सुप्रीम कोर्ट,कानूनों को रद्द करने की मांग

Spread the love

नई दिल्ली,11 दिसम्बर (ए)। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भारतीय किसान यूनियन की ओर से दायर याचिका में कहा है कि नए कानून उन्हें कॉर्पोरेट लालच का शिकार बना देंगे। किसानों ने इसे रद्द करने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है। सरकार से कई दौर की बातचीत और संशोधन प्रस्ताव खारिज करने के बाद किसानों ने एक तरफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया है तो दूसरी तरफ उन्होंने न्यायपालिका का भी सहारा लिया है।

किसानों ने यह कदम केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज करने के बाद उठाया है जिसमें मोदी सरकार ने कहा है कि वह कानून के उन प्रावधानों में संशोधन को तैयार है जिनको लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है। सरकार ने एमएसपी पर लिखित में भरोसा देने की बात कही है तो यह भी आश्वासन दिया है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में करार केवल फसल के लिए होगा, इसलिए जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता है। हालांकि, किसान कानूनों को वापस लेने पर अड़ गए हैं।

किसानों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे रेल पटरियों को भी जाम कर देंगे और इसको लेकर जल्द ही तारीख का ऐलान करेंगे। राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे और 12 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे को भी ब्लॉक कर देंगे।

केंद्र सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को भी कहा कि किसानों को आंदोलन छोड़कर बातचीत करनी चाहिए। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार को मीडिया से ही पता चला है कि किसानों ने सरकार द्वारा नए कृषि कानूनों पर भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि सरकार ने हाल ही में एक 20 पन्नों का प्रस्ताव किसानों के पास भेजा था। इस प्रस्ताव में कानून में कई प्रकार करने के संशोधन की बात की गई थी।

Exit mobile version