Site icon Asian News Service

ट्रक चालकों की हड़ताल के बीच करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म हुआ

Spread the love

नयी दिल्ली,दो जनवरी (ए)। कुछ ट्रक चालकों की हड़ताल के मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन का भंडार खत्म हो गया।

पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने ट्रक चालकों की हड़ताल की आशंका के मद्देजनर देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है।इन राज्यों में ईंधन का भंडार खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है जिससे कई पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं।

उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर है और हैदराबाद में कुछ पंपों को छोड़कर आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है।

अगर तीन दिन की हड़ताल का समय बढ़ाया जाता है या अखिल भारतीय आंदोलन शुरू होता है तो सब्जियों, फलों और दूध जैसे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।

‘हिट-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सज़ा के कड़े प्रावधान है जिसके खिलाफ कुछ ट्रक, बस और टैंकर संचालकों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की।

‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ ने अब तक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान नहीं किया है और इसके प्रतिनिधि बीएनएस के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलेंगे। ‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ में ट्रक संचालकों के अलग अलग संघ शामिल हैं।

पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर दो-तीन दिनों तक का भंडार है और अगर हड़ताल घोषणा के मुताबिक, तीन दिनों तक चलती है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर हड़ताल का समय बढ़ाया गया या अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया तो परेशानी होगी।

औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

Exit mobile version