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प्रदर्शनकारी किसान देश के लिए वैसे ही लड़ रहे हैं, जैसे सीमा पर सैनिक लड़ते हैं: राहुल गांधी

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औरंगाबाद: 15 फरवरी (अ) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान देश के लिए वैसे ही लड़ रहे हैं, जैसे सीमा पर सैनिक लड़ते हैं।

गांधी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्ज माफी पर कानून बनाने सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसानों द्वारा किए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च का जिक्र कर रहे थे।गांधी ने औरंगाबाद जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी किसान हमारे देश के लिए लड़ रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे सीमा पर सैनिक लड़ते हैं।’’

कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा ने ‘मणिपुर’ में आग लगाने का काम किया और उन्होंने एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा किया। पूर्वोत्तर राज्य पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है।

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए गांधी ने दावा किया कि केंद्र ने सर्वाधिक अमीर लोगों के 14 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए, जबकि मनरेगा का बजट केवल 70 हजार करोड़ रुपये है।

उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बड़ी संख्या में मशहूर हस्तियों की उपस्थिति के लिए केंद्र सरकार पर भी कटाक्ष किया और कहा कि इस दौरान एक भी गरीब व्यक्ति नहीं दिखा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर केवल अमीरों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया था।

बिहार के औरंगाबाद जिले में एक रैली में गांधी ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी को वोट दिया गया तो कांग्रेस जाति आधारित जनगणना कराने के बाद एक व्यापक वित्तीय सर्वेक्षण कराएगी ताकि संसाधनों के स्वामित्व में असमानता को प्रकाश में लाया जा सके।

राहुल गांधी ने कहा कि यह हरित क्रांति और कंप्यूटर क्रांति की तरह ही एक क्रांतिकारी कदम होगा। समाजिक न्याय का पैमाना जाति आधारित जनगणना है और अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो कांग्रेस इसे कराकर दिखाएगी।

कांग्रेस नेता की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ एक दिन के ठहराव के बाद औरंगाबाद से बृहस्पतिवार को फिर से शुरू हुई।

रैली में राहुल ने जाति आधारित जनगणन को एक तरह का ‘एक्स-रे’ करार दिया। लगभग 45 मिनट तक चले अपने भाषण में गांधी ने भाजपा-आरएसएस पर एक समुदाय को दूसरे से लड़ाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि विभाजनकारी राजनीति ने ही मणिपुर में आग लगाने का काम किया।

गौरतलब है कि गांधी ने पिछले महीने मणिपुर से अपना देशव्यापी दौरा शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि चीन में सामान बनता है जिससे वहां के युवाओं और हमारे देश के बड़े कारोबारियों को फायदा होता है। नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की मार छोटे व्यापारियों पर पड़ी है।

गांधी ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी तो अधिक है, लेकिन शीर्ष पदों पर उनका प्रतिनिधित्व नगण्य है।

गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सिर्फ दो-तीन फीसदी लोगों के लिए काम करते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी के पास 10-15 सदस्यीय टीम है जिसमें अत्यधिक अमीर लोग शामिल हैं और वे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल से पहले रैली को संबोधित किया। इसमें पार्टी के कई अन्य शीर्ष नेता भी उपस्थित थे।

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