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सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग ठुकराई, समिति बनाने का प्रस्ताव

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नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (ए)। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक बुधवार दोपहर से जारी बैठक में सरकार ने किसानों की कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया लेकिन सरकार ने कृषि कानूनों के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है।
वार्ता में मौजूद एक वरिष्ठ किसान प्रतिनिधि ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने न्यूनतम कीमतों की गारंटी पर एक कानून की संभावनाओं पर चर्चा की। मंत्रियों ने पहले दौर की बैठक के बाद दोपहर में विज्ञान भवन में किसानों के साथ भोजन किया। आज पहले राउंड की बैठक में किसानों ने एक बार फिर से तीनों मंत्रियों के सामने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग दोहराई। इसके साथ ही, किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर एक कानून बनाने की भी मांग रखी है।

भारतीय किसान यूनियन के एक धड़े के नेता जोगिन्दर सिंह उग्राहन ने कहा, ”मंत्रियों ने इस पर कुछ भी नहीं कहा, लेकिन उन्होंने बताया कि वे एमएसपी पर कानून के संबंध में की गई मांग पर चर्चा करना चाहते हैं।”दूसरी ओर आंदोलन के 35वें दिन हुई महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन का निष्कर्ष निकलना चाहिए नहीं तो किसान बिरादरी बर्बाद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी किसान संगठन हल नहीं निकलने तक आंदोलन पर डटे रहें। वार्ता में राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी जैसे बुजुर्ग नेताओं को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार दो कदम पीछे हटे तो किसान ढाई कदम पीछे हटने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री का सर नीचे नहीं करना चाहते बशर्ते की वह भी किसान का सम्मान बनाए रखें और किसानों की सभी मांगों को मानें।

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