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एक हिंदू संगठन ने ज्ञानवापी विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने की अपील की

Varanasi: Security personnel stand guard outside the Gyanvapi Mosque complex ahead of a survey by Archaeological Survey of India (ASI), in Varanasi, Monday, July 24, 2023. (PTI Photo)(PTI07_24_2023_000024A)

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वाराणसी (उप्र), 17 अगस्त (ए) काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर को लेकर चल रही कानूनी जंग में काफी आगे रहे एक हिंदू संगठन ने विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने के लिए एक खुला पत्र लिखा है।.

वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर के हो रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण के बीच लिखे गए इस खुले पत्र में हिंदू पक्ष के पैरोकार तथा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी परिसर संबंधी विवाद अदालत के बाहर आपसी सहमति से सुलझाने के वास्ते बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।.

बिसेन ने कहा कि यह पत्र मामले की मुख्य वादी राखी सिंह की सहमति के बाद हिंदू पक्ष की ओर से जारी किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह मामला आपसी सहमति से सुलझ जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा।’’

पत्र में बिसेन ने लिखा है कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष अदालत में अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं जबकि इस लड़ाई का लाभ कुछ असामाजिक तत्व अपने निजी फायदे के लिए उठाना चाहते हैं जो देश और समाज, दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

उन्होंने कहा ‘‘ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य है कि अपने देश और समाज की रक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस विवाद का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत के माध्यम से निकालकर एक मिसाल कायम करें।’’

पत्र में दोनों पक्षों से बातचीत के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा गया है ‘‘हो सकता है आपसी बातचीत से अदालत के बाहर कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल जाए। ’’

इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से पत्र मिला है जिसे कमेटी की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कमेटी के सदस्यों का जो भी फैसला होगा, वह मान्य होगा।’’

हिंदू पक्ष के एक अन्य अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सनातन धर्मी काशी में भालेनाथ की एक इंच भूमि से भी समझौता नहीं करेंगे। यही हो सकता है कि मुसलमान क्षमा मांगे और अपना अवैध कब्जा हटा लें।’’

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