Site icon Asian News Service

एएमयू को अलीगढ़ में कोविड-19 के नये स्ट्रेन की फैलने की आशंका, 20 दिनों में 19 प्रोफेसर की मौत के बाद जांच के लिए भेजे सैंपल

Spread the love


अलीगढ़ , 10 मई (ए)। यूपी के अलीगढ़ में पिछले 20 दिनों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 19 प्रोफेसरों की मौत ने सबको हिला कर रख दिया है। इस तरह की हुई मौतों से पूरा प्रशासन सकते में है। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अब आशंका जताई है कि अलीगढ़ में कोरोना की नई किस्म विकसित हो गई है। उन्होंने इस संबंध में आईसीएमआर को पत्र भेज, कोविड-19 नमूनों की जीनोम जांच करने का अनुरोध किया है। 
एएमयू वीसी ने आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव को पत्र भेजा है। पत्र में अनुरोध किया है कि हमारे लैब से भेजे गए कोविड-19 नमूनों का विश्लेषण करने के लिए आईसीएमआर के संबंधित अनुभाग व विभाग को निर्देशित करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोविड-19 वायरस की कोई नई किस्म तो अलीगढ़ में विकसित नहीं हो रही, जिससे बीमारी की गंभीरता को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने आईसीएमआर से निर्देश दिए जाने की मांग इसलिए की है ताकि प्रस्तावित उपायों से महामारी के उन्मूलन के लिए उपयुक्त उपायों पर विचार किया जा सके। पत्र में
महानिदेशक से अनुरोध किया गया है कि वह संबंधित आईसीएमआर अनुभाग व विभाग को कोविड-19 नमूनों का विश्लेषण करने का निर्देश दें। वीसी ने लिखा है कि आपके ध्यान में लाया जाना है कि 16 एएमयू शिक्षक व कई अन्य सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी, जो विश्वविद्यालय परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में निवास कर रहे थे, कोविड-19 से मर चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि विश्वविद्यालय से सटे सिविल लाइंस क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का वायरस फैल रहा है। 
ऐसे में अलीगढ़ शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में पाए जाने के संदेह के मद्देनजर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा चयनित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के कोविड प्रयोगशाला द्वारा एकत्रित कोविड नमूनों को वायरल जीनोम अनुक्रमण व आगे के परिक्षण के लिए सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी, नई दिल्ली को भेजा जा रहा है।

Exit mobile version